मध्यप्रदेश में उपार्जन राशि का 50% से अधिक पैसा नहीं काट सकेंगे बैंक, सरकार का ऐलान

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच पूरे देश में रबी फ़सलों की खरीदी जारी है। गेहूं की खरीदी के साथ-साथ अब किसानों तक उपार्जन राशि का भुगतान भी होने लगा है। पर जिन किसानों ने खेती के लिए बैंक से ऋण लिया था उनकी उपार्जन राशि से बैंक ने पैसे काटने शुरू कर दिए हैं, इस कारण किसानों को पूरी राशि नहीं प्राप्त हो रही है।

ग़ौरतलब है की मध्य प्रदेश में ज्यादातर किसान खेती करने के लिए फसली ऋण तथा किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेते हैं | इस ऋण को फिर किसान अपने फसल उत्पादन को बेच कर पूरा करते हैं। हालांकि इस साल साल पहले वर्षा और बाद में कोरोना महामारी की वजह से किसानों की बचत बहुत कम हुई है। जिस कारण बैंक द्वारा उपार्जन राशि के पैसे काटने से किसानों को और समस्याएं हो सकती हैं।

इन्ही समस्याओं पर ध्यान देते हुए अब मध्यप्रदेश सरकार ने बैंकों को यह आदेश दिया है की रबी उपार्जन के अंतर्गत किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचीं गई फसल की राशि में से बकाया ऋण की राशि का 50% से ज्यादा ना काटा जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि अगली फसल के लिए किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएँ जाएँ |

स्रोत: किसान समाधान

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लॉकडाउन में बड़ी राहत: किसानों के घर से सरकार करेगी रबी फसलों की ख़रीद

कोरोना संकट की वजह से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण किसानों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल वर्तमान समय रबी फसलों कटाई और सरकारी ख़रीद का है और अब इस विषय पर लॉकडाउन के दौरान सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने की पहल की है। 

इस समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने एक अहम फैसला किया है। पंजाब सरकार रबी फ़सलों की ख़रीद के दौरान मंडियों में होने वाले भीड़भाड़ को रोकने के लिए गांवों में जाकर फसल ख़रीद की तैयारी कर रही है। इस दौरान उन गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो मंडियों से लगभग 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित हैं। 

पंजाब सरकार द्वारा कृषि एवं खाद्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द ही गांवों के किसानों के घर जाकर गेहूं की ख़रीद करने का तरीका ढूंढ निकालें। मंडियों से दूर स्थित गांवों के किसान को मदद पहुंचाने के लिए किसानों के घर मुलाजिमों को भेजने का सुझाव दिया गया है।

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किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया

Gramophone's onion farmer

प्याज़ की खेती करने वाले किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने 26 फरवरी के दिन प्याज़ के निर्यात पर लगाया गया छह माह पुराना प्रतिबंध हटा दिया है। इससे किसानों को अपनी प्याज़ की फसल के लिए बड़ा बाजार मिलेगा और उन्हें मुनाफ़ा भी ज्यादा मिलेगा। 

ग़ौरतलब है की सितंबर 2019 में प्याज़ की बढ़ी हुई कीमतों को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। पर अब स्थितियाँ बदल गई हैं और प्याज़ के रेट स्थिर हो गए हैं। इसके साथ साथ देश में प्याज़ की बम्पर पैदावार भी हुई है जिसे देखते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान प्याज़ के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है।

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