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- एक समान सिंचाई और उर्वरकों की मात्रा उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है।
- धीमी वृद्धि करने वाले प्याज की किस्मों का उपयोग करने से इस विकार को कम कर सकते हैं।
- इसकी रोकथाम के लिए एक किलो 00:00: 50 प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।
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- प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है।
- खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पुरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते हैं।
- कंद के फटने के कारण कंदों में मकड़ी (राईज़ोफ़ाइगस प्रजाति) चिपक जाती है।
- प्रथम लक्षण कंद के फटने के बाद आधार पर दिखाई देते हैं।
- प्रभावित कंद फटे उभार के रूप में आधार वाले भाग में दिखाई देते हैं।
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