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- प्रभावित पत्तियों को तोड़कर नष्ट कर दें।
- रोग प्रतिरोधी किस्मों की बीज को लगाएं।
- फसल चक्र को अपना कर एवं खेत की सफाई कर रोग की आक्रामकता को कम कर सकते हैं।
- मेटालैक्सिल 4% + मैंकोजेब 64% WP @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बना कर जड़ों के पास छिड़काव करें।
- थियोफैनेट मिथाइल 70% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बना कर जड़ों के पास छिड़काव करें।
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- इसके कारण पत्तियों की निचली सतह पर जल रहित धब्बे बन जाते हैं।
- जब पत्तियों के उपरी सतह पर कोणीय धब्बे बनते है प्राय: उसी के अनुरूप ही निचली सतह पर भी जल रहित धब्बे बनते है।
- जैसे-जैसे रोग बढ़ता हैं धब्बे पीले और भूरे रंग के हो जाते हैं।
- ग्रसित लताओं पर फल नहीं लगते हैं।
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