ऐसे करें एफिड एवं जैसिड का प्रबंधन

Management of aphids and jassids
  • एफिड और जेसीड फसलों का रस चूसने वाले कीट है। यह आकार में बहुत छोटे होते हैं। इनका आकार एक दाल की नोक के समान होता है। आमतौर पर यह पीले-हरे या सफ़ेद रंग के होते हैं जिनके सामने के पंखों पर काले धब्बे होते हैं। फसल पर थोड़ी सी हलचल होने पर जेसिड उड़ जाते हैं। फसलों में यह किट पत्तियों और पत्तियों के कलियों के नीचे से रस चूसते हैं। 
  • एफिड एवं जैसिड के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 60% FS या थायमेथोक्साम 30% FS 10 मिली/किग्रा बीज के साथ देना चाहिए। यह बीजोपचार फसल को एक महीने तक चूसने वाले कीट से मुक्त रखता है।
  • इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @100 मिली/एकड़ या एसिटामिप्रिड 20% WP@ 100 ग्राम/एकड़ या एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8 % SP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

जैविक उपचार:

  • बवारिया बसियाना को 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए।
  • मेट्राजियम का 1 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से खेतों में छिड़काव करें।
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मूंग की फसल में एफिड कीट का प्रबंधन

  • एसिटामाप्रिड 20% एसपी @ 40-80 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करने पर भी इस कीट का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता। 
  • कॉन्फीडोर (इमिडाक्लोप्रिड) @ 100 एमएल/एकड़ का छिड़काव करें या
  • बिलीफ (थाइमिथोक्सम 12.6% + लेम्ब्डासाइहलोथ्रिन 9.5% ZC) @ 100  ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें या
  • एफिड कीट (माहू) के संक्रमण को कम करने के लिए पौधे के संक्रमित भागों को हटा दें।
  • फ़सलों को अधिक पानी या अधिक खाद न दें।
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मूंग की फसल में एफिड कीट (माहू) की पहचान 

  • एफिड कीट (माहू) के आक्रमण से पत्तिया पीली हो कर सिकुड़ जाती हैं एवं कुछ समय बाद सूख जाती हैं जिससे पौधे का विकास रुक जाता है।
  • संक्रमण की शुरूआती अवस्था में पत्तियों पर फफूंद का विकास दिखाई देता है।
  • माहू द्वारा चिपचिपा स्राव किया जाता है जिसकी वजह से पौधे में कई फफूंद जनित रोग पैदा होते हैं।
  • सूखी और गर्म जलवायु माहू कीट की वृद्धि के लिए अनुकूल होती है।
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