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मिट्टी परीक्षण के लिए मिट्टी का नमूना इस तरह से लेना चाहिए जिससे वह पूरे खेत की मिट्टी का प्रतिनिधित्व करें। 500 ग्राम नमूना मिट्टी परिक्षण के लिए पर्याप्त होता है।
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मिट्टी के नमूने को दूषित होने से बचाने के लिए साफ औजारों का उपयोग करें और साफ थैली में डालें। ऐसी थैली काम में न लाएं जो खाद एवं अन्य रसायनों के लिए प्रयोग में लाई गई हो।
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मिट्टी का नमूना बुआई से लगभग एक माह पूर्व ग्रामोफ़ोन की प्रयोगशाला में भेज दें जिससे समय पर मिट्टी की जांच रिर्पोट मिल जाएं एवं उसके अनुसार उर्वरक एवं भूमि सुधारकों का उपयोग किया जा सके।
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जिस खेत मे कम्पोस्ट, खाद, चूना, जिप्सम तथा अन्य कोई भूमि सुधारक तत्काल डाला गया हो तो उस खेत से नमूना न लें।
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धातु से बने औजारों या बर्तनों को काम में नहीं लाएं क्योंकि इनमें लौह, जस्ता व तांबा होता है। जहां तक संभव हो, प्लास्टिक या लकड़ी के औजार काम में लें।
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खेत में, जिस जगह ज्यादा समय तक पानी भरा रहता है वहां से नमूना न लें। सिंचाई की नाली मेड़, पेड़ के नीचे से या खाद के ढेर के आसपास से नमूना नहीं लेना चाहिए।
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