Use of Trichoderma :- When, How and Why ?

ट्राइकोडर्मा सभी प्रकार के पौधों और सब्जियों के लिए जरूरी है जैसे कि गोभीवर्गीय, कपास, सोयाबीन आदि।

  • बीजोपचार:  1 किलो ट्राइकोडर्मा पाउडर प्रति क्विंटल बीज की दर से बुवाई से पहले बीजो में मिलाएं।
  • जड़ो के उपचार हेतु : 10  किलो गोबर की अच्छे से सड़ी हुई खाद तथा 100 लीटर पानी मिला कर घोल तैयार करे फिर इसमें 1 किलो  ट्राइकोडर्मा पाउडर मिला कर तीनो का मिश्रण तैयार कर ले अब इस मिश्रण में पौध की जड़ो को रोपाई के पहले 10 मिनट के लिए डुबोएं।
  • मृदा उपचार: 4  किलो ट्राइकोडर्मा पाउडर प्रति एकड़ की दर से 50 किलो गोबर की खाद के साथ मिला कर बेसल डोज के रूप में खेत में मिलाईये |    
  • खड़ी फसल में : खड़ी फसल में उपयोग हेतु एक लीटर पानी में 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर मिलाकर तना क्षेत्र के पास की मिट्टी में ड्रेंचिंग करें |

सावधानियां

  • ट्राइकोडर्मा के प्रयोग के बाद 4-5 दिनों के तक कोई भी रासायनिक कवकनाशी का उपयोग न करें।
  • सूखी मिट्टी में ट्राइकोडर्मा का प्रयोग न करें। इसकी वृद्धि और उत्तरजीविता के लिए नमी एक आवश्यक कारक है।
  • उपचारित बीज को सीधे सूर्य की किरणों में न रखे।
  • ट्राइकोडर्मा को FYM के साथ मिला कर अधिक समय तक न रखें।
  • ज्यादा जानकारी के लिए हमारे टोल फ्री न.( 1800-315-7566 ) पर मिस कॉल दे | 

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