आलू की खेती के लिए खाद एवं उर्वरक प्रबंधन

बुवाई के समय पोषक तत्व प्रबंधन:-

👉🏻आलू की फसल कंद वाली फसल होती है, इसी कारण कंद विकास के लिए, बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्व ग्रहण करती है।

👉🏻पौध बढ़वार एवं अधिक उत्पादन के लिए उपयुक्त समय एवं उचित मात्रा में खाद प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है।

👉🏻बुवाई के पहले मिट्टी उपचार के रूप में एसएसपी @ 200 किग्रा + डीएपी @ 75 किग्रा + पोटाश @ 75 किग्रा + कंपोस्टिंग बैक्टीरिया (स्पीड कम्पोस्ट) @ 4 किग्रा प्रति एकड़ की दर से बुवाई से पूर्व मिट्टी में समान रूप से भुरकाव करें। 

👉🏻इन सभी पोषक तत्वों के साथ ग्रामोफोन की पेशकशआलू समृद्धि किट टीबी -3 (एनपीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया) 3 किलो +  टाबा जी  (ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया) 4 किग्रा  + राइज़ोकेयर (ट्राइकोडर्मा विरिडी 1.0 % डब्ल्यूपी) 500 ग्राम +  ट्राई-कॉट मैक्स (ऑर्गेनिक कार्बन 3% + ह्यूमिक + फुल्विक + ऑर्गेनिक पोषक तत्वों का  मिश्रण)  4 किग्रा का उपयोग आलू की फसल में बुवाई के समय करें। इस किट का उपयोग मिट्टी उपचार के लिए किया जाता है।

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