भारत में कृषि विकास हेतु विश्व बैंक देगा $80 मिलियन का कर्ज 

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। इसका मतलब यह हुआ की कृषि में सुधार से अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। यही कारण है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से कृषि क्षेत्र पर अधिक से अधिक ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य की कृषि को विकसित करने के लिए विश्व बैंक के साथ $80 मिलियन के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

यह राशि मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल प्रबंधन में सुधार और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर खर्च की जाएगी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना को 428 ग्राम पंचायतों को कवर करने वाले राज्य के 10 जिलों में निष्पादित किया जाएगा। इसका लाभ लगभग 400,000 छोटे किसानों को मिलेगा।

यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगी, क्योंकि राज्य के कई तराई क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की कमी है और किसान मुख्य रूप से वर्षा के जल पर निर्भर रहते हैं। जलवायु परिवर्तन और बारिश में लगातार कमी हिमाचल प्रदेश में उगाए जाने वाले फलों के उत्पादन को प्रभावित कर रही है, जिसमें इसके प्रतिष्ठित सेब भी शामिल हैं। यह कदम किसानों की आय को दोगुना करने के केंद्र सरकार के मिशन में योगदान देने में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।

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जानें पीएम किसान योजना और इसके फ़ायदों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

पीएम किसान योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (आमतौर पर जिसे पीएम किसान योजना के रूप में जाना जाता है) दरअसल केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य भारतीय किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी विभिन्न कृषि संबंधित ज़रूरतों को पूरा कर सकें। यह योजना 24 फरवरी 2019 को भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई थी। शुरुआत में, इस योजना का लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के लिए लागू किया गया था, लेकिन अब यह सभी किसान परिवारों के लिए विस्तारित कर दिया गया है, भले ही उनके कितनी भी भूमि हो। 

पीएम किसान योजना के लाभ

पीएम किसान योजना के अंतर्गत, प्रत्येक पात्र किसान परिवार को 6000 रुपये प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। यह राशि उन्हें वर्ष के हर चौथे महीने 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रदान की जाएगी।

यह योजना पहले ही किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2019 तक लगभग 7.6 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला था और अब सरकार ने इस योजना में और भी अधिक सुविधाएँ जोड़ दी हैं। योजना के साथ, किसानों को कई अन्य अतिरिक्त लाभ और सुविधाएँ भी मिलेंगी।

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