कम पुंजी में भी खेती के नए आयाम किसानों की अच्छी कमाई का जरिया बन सकते हैं। ‘मोती की खेती’ इन्हीं में से एक है। इस खेती के माध्यम से किसान भाई मात्र 2500 रूपए की लागत के साथ लाखों की कमाई कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार भी नए स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है।
नए स्टार्टअप योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से मोती की खेती के लिए राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं अगर ये कारोबार बड़े स्तर पर किया जाए तो केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर इसके लिए 50% की सब्सिडी भी देती है। इस योजना का उद्देश्य देश में लोगों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
मोती की खेती शुरू करने के लिए किसान के पास तालाब का होना जरूरी है। इसके साथ ही इसमें सीप की एक अहम भूमिका होती है। मोती की खेती के लिए चुने गए सीपीयों को अच्छी तरह से एक जाल में बांध दिया जाता है। इसके बाद इसे जाल में अच्छी तरह से बांधकर तालाब में डाल दिया जाता है।
मोती तैयार होने के बाद सीप की अच्छी से तरह से सर्जरी की जाती है। सांचे में कोई भी आकृति डालकर मोती की डिजाइन तैयार की जाती है। वहीं मोती की मांग बाजार में ज्यादा होने से इसका बढ़िया भाव मिलता है।
स्रोत: कृषि जागरण
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