धान की नर्सरी की तैयारी कैसे करें?

paddy nursery
  • एक एकड़ के खेत के 1/10 भाग में नर्सरी लगाएं। ज्यादा बड़े भाग में नर्सरी लगाने के बाद उसके प्रबंधन में कठिनाई आती है।
  • 2 से 3 जुताई कर के खेत को समतल कर लें और खेत की मिट्टी को भुरभुरी कर लें।
  • खेत से पानी निकलने का सही इंतजाम करें।
  • नर्सरी के लिए 1.0 से 1.5 मीटर चौड़ी व 4 से 5 मीटर लंबी क्यारियां एवं उभरी हुई क्यारियाँ बनाना सही रहता है।
  • नर्सरी में बीज बुआई से पहले उपचारित ज़रुर करें।
  • नर्सरी में 100 किलोग्राम पकी हुई गोबर की खाद या FYM का उपयोग 10 किलो/वर्ग मीटर और इसके साथ में ह्यूमिक सीवीड 100ग्राम/वर्ग मीटर की दर से भुरकाव करें।
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धान की सीधी या ज़ीरो टिल से बुआई का महत्व

Importance of direct sowing of paddy or zero til
  • धान की सीधी बुआई उचित नमी पर यथासंभव खेत की कम जुताई करके अथवा बिना जोते हुए खेतों में आवश्यकतानुसार नॉनसेलेक्टिव खरपतवारनाशी का प्रयोग कर जीरो टिल मशीन से की जाती है।
  • धान की बुआई मानसून आने के पूर्व (15-20 जून) अवश्य कर लेना चाहिए, ताकि बाद में अधिक नमी या जल जमाव से पौधे प्रभावित न हो। इसके लिए सर्वप्रथम खेत में हल्का पानी देकर उचित नमी आने पर आवश्यकतानुसार हल्की जुताई या बिना जोते जीरो टिल मशीन से बुआई करनी चाहिए। 
  • धान की नर्सरी उगाने में होने वाला खर्च बच जाता है। इस विधि में जीरो टिल मशीन द्वारा 10-15 किग्रा. बीज प्रति⁄एकड़ बुआई के लिए पर्याप्त होता है।
  • इस तरह से धान की बुआई  करने के पूर्व खरपतवारनाशी का उपयोग कर लेना चाहिए
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