सोयाबीन में गर्डल बीटल का प्रकोप होगा घातक, जानें बचाव के उपाय

Outbreak of girdle beetle will be fatal in soybean
  • सोयाबीन की फसल में अंकुरण की अवस्था में गर्डल बीटल का प्रकोप देखा जाता है। इसके कारण शाखा या तने पर 2 गोलाकार कट की आकृति उभरती है जो इस कीट का एक विशिष्ट लक्षण है।

  • इसका लार्वा सोयाबीन के तने में छेद कर देता है। तने के अंदर का भाग लार्वा द्वारा खा लिया जाता है जिससे तने के भीतर सुरंग बन जाता है। 

  • इसी वजह से पौधे के सभी हिस्से तक पोषक तत्व नहीं पहुँच पाते और पोषण की कमी की वजह से पौधे सूखने लगते हैं।

  • पौधे को जमीन से लगभग 15 से 25 सेमी ऊपर काटा जाता है। मुख्य नुकसान कीट के लार्वा के कारण होता है।

  • कीट का आक्रमण प्रारंभ में जुलाई के अंतिम सप्ताह से अगस्त के पहले पखवाड़े तक शुरू होता है।  कीट जुलाई से अक्टूबर तक सक्रिय रहता है, जिससे फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।

  • अगस्त और सितंबर के दौरान इसका भारी प्रकोप से 40% तक उपज में की कमी आ सकती है। 

  • नियंत्रण के लिए प्रोफेनोवा (प्रोफेनोफॉस 50% EC) @ 400 मिली या नोवालक्सम (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC) @ 50 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली, प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।

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