प्याज की वर्तमान अवस्था में जरूर करें पोषण प्रबंधन

Nutrition management in onion crop at 40 to 45 days old stage

प्याज की 40 से 45 दिन की फसल अवस्था में कंद बनना प्रारम्भ हो जाता है, इस अवस्था में कंद निर्माण के लिए, यूरिया 30 किलो + कैल्शियम नाइट्रेट 10 किलो + मैगनेशियम सल्फेट 10 किलो, को आपस में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र के हिसाब से समान रूप से भुरकाव कर हल्की सिंचाई करें। 

यूरिया: फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत है। इसके उपयोग से, पत्तियो में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

कैल्शियम नाइट्रेट: यह कंद का आकार बढ़ाता है।  इससे बेहतर गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होती है। साथ ही यह पौधों में कैल्शियम की कमी को भी पूरा करता है। 

मैग्नेशियम सल्फेट: प्याज की फसल में मैग्नेशियम के प्रयोग से हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती हैं अंततः उच्च पैदावार और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है| साथ ही सल्फर प्याज में गंध बढ़ाने में मदद करता है।

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