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भिंडी की फसल में बुआई के समय पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
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इस समय पोषण प्रबंधन करने से भिंडी की फसल को एक अच्छी शुरुआत मिलती है जिससे अंकुरण प्रतिशत काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।
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इसके परिणामस्वरूप बेहतर वनस्पति विकास होता है और पौधों के स्वास्थ में भी सुधार होता है।
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यह पौधे की प्रत्येक अवस्था जैसे फूल, फल, पत्ती आदि की अवस्था में वृद्धि में मदद करता है साथ ही साथ सफेद जड़ के विकास में भी मदद करता है।
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इस समय पोषण प्रबंधन करने के लिए DAP @75किलो/एकड़ + MOP @30 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ + NPK बैक्टीरिया @ 100 ग्राम/एकड़ + मायकोराइज़ा @ 2 किलो/एकड़ को आपस में मिलाकर बुआई के समय मिट्टी में भुरकाव करें।
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