मिट्टी परीक्षण हेतु नमूना लेते वक्त जरूर बरतें ये सावधानियाँ

Things to remember while taking a soil's sample
  • पेड़ के नीचे, मेड से, निचले स्थानों से, जहां खाद का ढेर हो, जहां पानी इकट्ठा होता हो आदि स्थानों से नमूना नहीं लें। 
  • मिट्टी परीक्षण के लिए नमूना इस तरीके से लें कि वह स्थान पूरे खेत का प्रतिनिधित्व करता हो, इसके लिए कम से कम 500 ग्राम नमूना अवश्य लेना चाहिए।
  • मिट्टी की ऊपरी सतह से कार्बनिक पदार्थों जैसे टहनियाँ, सुखी पत्तिया, डण्ठल एवं घास आदि को हटाकर खेत के क्षेत्र के अनुसार 8-10 स्थानों का नमूना लेने हेतु चुनाव करें।
  • चयनित स्थानों पर लगाई जाने वाली फसल के जड़ की गहराई जितनी गहराई से ही मिट्टी का नमूना लेना चाहिए।
  • मिट्टी का नमूना किसी साफ बाल्टी या तगारी में एकत्रित करना चाहिए।
  • मिट्टी के इस नमूने को लेबलिंग ज़रूर कर लें।
Share

मिट्टी परीक्षण के लिए नमूना लेने की प्रक्रिया

  • मिट्टी का नमूना कुछ इस प्रकार लेना चाहिए कि वह उस पूरे क्षेत्र या खेत का प्रतिनिधित्व करे, इसके लिए कम से कम 500 ग्राम नमूना अवश्य लेना चाहिए।
  • मिट्टी की ऊपरी सतह से कार्बनिक पदार्थों जैसे टहनियाँ, सुखी पत्तिया, डण्ठल एवं घास आदि को हटाकर खेत के क्षेत्र के अनुसार 8-10 स्थानों का नमूना लेने हेतु चुनाव करें।
  • चयनित स्थानों पर उथली जड़ वाली फसल में 10-15 सेमी तथा गहरी जड़ वाली फसल में 25-30 सेमी की गहराई तक अंग्रेजी के V आकार का गड्ढा बनाएं।
  • इसके बाद पूरी गहराई तक मिट्टी की एक इंच मोटी एक समान परत काट कर साफ बाल्टी या तगारी में एकत्रित कर लें।
  • इसी प्रकार अन्य चयनित स्थानों से भी नमूने एकत्रित करें और इसके मिश्रण को चार भाग में बाँट लें।
  • इन चार भागों के आमने सामने के एक एक भाग को बाहर कर दें तथा बचे हुए हिस्से का ढेर बना कर फिर से वही प्रक्रिया दोहरायें जब तक आधा किलो मिट्टी का नमूना न बच जाए।
  • मिट्टी के इस नमूने को एकत्रित कर पॉलीथीन में डाल कर लेबलिंग कर लें ।
  • लेबलिंग में किसान का नाम, खेत की अवस्थिति, मिट्टी का नमूना लेने की तारीख़ तथा पिछली, वर्तमान और आगे बोने वाली फसल का नाम लिख दें।

मिट्टी परीक्षण के लिए नमूना लेने की प्रक्रिया से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो देखे-

Share

मिट्टी परीक्षण से हमें किस प्रकार की जानकारियाँ मिलती हैं?

मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में उपस्थित तत्वों का सही सही पता लगाया जा सकता है। इनकी जानकारी के बाद इसकी मदद से मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व की मात्रा को संतुलित मात्रा में उर्वरक देकर खेती के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है। इससे फसल की पैदावार अच्छी होती है।

मिट्टी परीक्षण से निम्नलिखित तथ्यों का पता लगाया जा सकता है।

  • मिट्टी पीएच
  • विघुत चालकता (लवणों की सांद्रता)
  • जैविक कार्बन
  • उपलब्ध नाइट्रोजन
  • उपलब्ध फास्फोरस
  • उपलब्ध पोटाश
  • उपलब्ध कैल्शियम
  • उपलब्ध जिंक
  • उपलब्ध बोरोन
  • उपलब्ध सल्फर
  • उपलब्ध आयरन
  • उपलब्ध मैगनीज
  • उपलब्ध कॉपर
Share