मक्का में सही पोषक तत्व प्रबंधन से मिलेगी बंपर उपज

Nutrient Management in Maize

मक्का मुख्य रूप से एक खरीफ सीजन की फसल है, लेकिन बाजार में इसकी बढ़ती मांग और सभी मौसम के अनुकूल उपलब्ध किस्मों के कारण अब यह तीनों ही सीजन में उगाई जाती है। मौसम, जलवायु और किस्म के अनुसार मक्का की फसल में पोषक तत्वों का प्रबंधन भिन्न-भिन्न होता है। इसके अलावा मिट्टी के जांच के आधार पर फसल में पोषक तत्व प्रबंधन किया जाना आवश्यक है।

मक्का में बुवाई से लगभग 10-15 दिन पहले खेत की तैयारी के समय 5 टन अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति एकड़ खेत में मिलाएं। खेत की तैयारी के समय – 50 किलोग्राम डीएपी, 50 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश, ग्रोमोर (सल्फर 90% WG) 3 किलोग्राम की मात्रा प्रति एकड़ की दर से खेत में डाल दें।

मक्का में अधिक उत्पादन के लिए जिंक एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाट है जिसकी पूर्ति के लिए 3 – 4 किलोग्राम जिंक की मात्रा प्रति एकड़ के अनुसार इस्तेमाल करें। ध्यान रहे ! जिंक का प्रयोग किसी भी प्रकार के फास्फोरस युक्त उर्वरक के साथ न करें। यह फसल में जिंक की उपलब्धता को कम करता है।

वहीं मिट्टी में बोरॉन की कमी आने पर 500 ग्राम बोरॉन की मात्रा का इस्तेमाल प्रति एकड़ खेत के लिए काफी होता है। 

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मक्का की फसल में बुवाई के समय खाद, उर्वरक एवं पोषक तत्व प्रबंधन

👉🏻किसान भाइयों, मक्का की अधिक पैदावार लेने के लिये खाद, उर्वरक एवं पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण पहलू है, अगर पोषक तत्व का सही से प्रबंधन किया जाये तो पौधों को स्वस्थ रखा जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें प्राकृतिक तनाव एवं कीट के प्रति सहनशील बनाने में मदद किया जा सकता है।

👉🏻पोषक तत्व प्रबंधन में रासायनिक उर्वरक, सूक्ष्म पोषक तत्व, जैविक उर्वरक, गोबर की खाद एवं हरी खाद आदि का समुचित उपयोग किया जा सकता है।

👉🏻बीज की बुवाई के 15 -20 दिन पहले गोबर की खाद 4 टन + कॉम्बेट (ट्राइकोडर्मा विरिडी) 2 किलोग्राम, प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से फैला दें। 

👉🏻इसके बाद बीज की बुवाई के समय, डीएपी 50 किग्रा, एमओपी 40 किग्रा, यूरिया 25 किलो, ताबा जी (जिंक घोलक बैक्टीरिया) 4 किलोग्राम, टीबी 3 (एनपीके कन्सोर्टिया) 3 किलोग्राम, मैक्समाइको (समुद्री शैवाल, अमीनो, ह्यूमिक और माइकोराइजा) 2 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से उपयोग करें।

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