Control measures of root-knot nematode in watermelon

  • मादा जड़ के अंदर, जड़ के ऊपर एवं नष्ट जड़ों में अण्डे देती हैंं ।
  • अण्ड़ों से निकले नवजात जड़ की ओर आ जाते हैंं । ये जड़ की कोशिकाओं को खाते हैंं ।
  • पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता हैंं ।
  • निमेटोड से ग्रसित पौधों की वृद्धि रुक जाती हैंं एवं पौधा छोटा ही रहता हैंं ।
  • धिक संक्रमण होने पर पौधा सूखकर मर जाता हैंं ।
  • ग्रीष्म ऋतु में भूमि की गहरी जुताई करें ।
  • पौधशाला की मिट्टी या क्यारियों को सौर उर्जा से उपचारित करें ।
  • नीम की खली का 200 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें ।
  • पैसिलोमीसेस लीलासिनस 1 % डब्लू पी  की 2-4 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से अच्छे  से सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर खेत की तैयारी के समय उपयोग कर के भी निमेटोड का प्रभावी नियंत्रण किया  जाता हैंं |

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Control of sucking pest in Bottle gourd by neem-based products

  • नीम तेल छोटे, मुलायम शरीर वाले कीटों और मकड़ी के खिलाफ सबसे प्रभावी होते हैं जैसे कि थ्रिप्स, एफिड्स, स्केल, जैसिड और सफ़ेद मक्खी।
  • बुआई के समय और 30 दिनों के बाद नीम केक @ 40 किग्रा प्रति एकड़ के अनुसार जमीन से दें ।
  • 10 दिनों के अंतराल पर PNSPE (4%) या नीम / पोंगामिया साबुन (8-10 ग्राम / लीटर) का छिड़काव करें।

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“Neemastra” A Bio-Insecticides

नीमास्त्र –यह नीम से बनाये जाने वाला बहुत ही प्रभावी जैविक कीट नाशक है जो की रसचूसक कीट एवं इल्ली इत्यादि कीटो को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है|

नीमास्त्र बनाने के विधि –

सर्वप्रथम प्लास्टिक के बर्तन मे  5 किलोग्राम नीम की पत्तियों की चटनी और 5 किलोग्राम नीम के फल पीस व कूट कर डालें एवं 5 लीटर गोमूत्र व 1 किलोग्राम गाय का गोबर डालें इन सभी सामग्री को डंडे से अच्छी तरह चलाकर जालीदार कपड़े से ढक दें। यह घोल  48 घंटे में तैयार हो जाएगा। इस घोल को 100 ली. पानी में मिला कर इसे कीट नाशक के रूप में उपयोग कर सकते है |

लाभ –

  • मनुष्य, वातावरण और फसलों के लिए शून्य हानिकारक |
  • इसका जैविकीय विघटन होने के कारण भूमि की संरचना में सुधार |
  • सिर्फ हानिकारक कीटो को मरता है लाभदायक कीटो को हानि नहीं पहुँचता|
  •  किसानो के लिए यह एक अच्छा और सस्ता उपाय है |
  • जैविक कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों/व्याधियों में सहनशीलता एवं प्रतिरोध नही उत्पन्न होता जबकि अनेक रसायन कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों में प्रतिरोध क्षमता उत्पन्न होती जा रही है जिनके कारण उनका प्रयोग अनुपयोगी होता जा रहा है |

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