उद्यानिकी फसलों को कीट एवं रोगों से बचाने के लिए आवश्यक सलाह

Necessary advice to protect horticulture crops from the outbreak of pests and disease
  • किसान भाइयों, उद्यानिकी फसलों जैसे- फल, सब्जी आदि पर अनेक प्रकार के कीटों एवं रोगों का प्रकोप होता है। जिससे फसलों को काफी नुकसान होता है l 

  • कीटों द्वारा होने वाले नुकसान में पत्तियों, तने, फूलों एवं फलों से रस चूसना, कोमल पत्तिया एवं तने को खा जाना, फूल एवं फलों को विकृत करना, तने एवं फलों में छेद करना, पौधे की जड़ें काटना आदि समस्या देखने को मिलती है।

  • रोगों में फूलों का झड़ना, जड़ना का सड़ना एवं गलना, पौधे की वृद्धि रुकना, आदि समस्या हो सकती है। 

  • इन सभी समस्याओं से बचाव के लिए किसान भाइयों को सावधानियां बरतनी चाहिए l 

  • बुवाई के लिए रोग रोधी किस्मों का उपयोग करें l 

  • अंतरवर्तीय फसलों की खेती रोग प्रबंधन में कारगर होती है, जैसे भिंडी में पीत शिरा मोजैक वायरस रोग के नियंत्रण के लिए लोबिया की खेती कर सकते हैं। टमाटर में सूत्रकृमि नियंत्रण के लिए गेंदा की फसल साथ में ले सकते हैं। 

  • फफूंद जनित रोगों के प्रबंधन के लिए ट्राइकोडर्मा विरडी, ट्राइकोडर्मा हर्जियानम से आवश्यक रूप से बीज उपचारित करें। 

  • जीवाणु जनित बीमारियों के लिए स्यूडोमोनास का उपयोग करें।

  • बीमारियों के लिए रसायनों में कार्बेन्डाजिम, मेंकोजेब, प्रोपेकोनाज़ोल आदि उपयोग कर सकते हैं।

  • विषाणु जनित बीमारियों के रोग ग्रसित पौधों को उठाकर जला दें।

  • रस चूसक कीटों के नियंत्रण के लिए अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव करें।

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