समय से पहले ही मॉनसून ने दी दस्तक, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

30 मई को नियत समय से दो दिन पहले ही दक्षिण पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। हालाकि मानसून की शुरुआत धमाकेदार नहीं होगी परंतु मद्धम बारिश केरल एवं कर्नाटक में होगी। उत्तर पश्चिम भारत में गरज के साथ बारिश होगी वहीं पूर्वी भारत में भी तेज बारिश के आसार हैं। अगर बात मानसून के मध्य प्रदेश में पहुँचने की बात करें तो यहाँ जून के मध्य ने मानसून पहुँच सकता है।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट भारत

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यास तूफान के कहर के बाद अब मानसून देगा दस्तक, जानें मौसम पूर्वानुमान

यास तूफ़ान के कारण देश भर के कई राज्यों में भारी बारिश हुई है। हालांकि अब ये तूफ़ान कमजोर पड़ गया है पर इसके बाद भी आज और कल इसका असर कई क्षेत्रों में देखने को मिलेगा। इसके साथ ही मॉनसून भी अब केरल में जल्द दस्तक देने वाला है। मानसून की आहट के बीच केरल में भारी बारिश शुरू हो गई है।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मानसून के दस्तक के साथ यश तूफान का कई राज्यों पर होगा असर, जानें मौसम पूर्वानुमान

मानसून का आगमन बंगाल की खाड़ी और दक्षिणी अंडमान सागर में हो चुका है और अगले 48 घंटों में यह आगे बढ़ेगा। उत्तरी अंडमान सागर पर अगले 24 घंटों में निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। पूर्वी तटीय राज्यों में बढ़ेगी बारिश। केरल, कर्नाटक, समेत पश्चिमी घाट पर भी वर्षा के आसार। दिल्ली में मौसम शुष्क रहेगा। इसके अलावा यश नाम का तूफ़ान भी अपना असर दिखायेगा।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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मध्यप्रदेश सहित इन राज्यों में आने वाले दिनों में भी सक्रिय रहेगा मानसून

Possibility of heavy rains in many states, Orange alert issued

पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात आदि कई राज्यों में लगातार मानसूनी बारिश जारी है। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में नमी वाला मौसम छाया हुआ है। वैसे पंजाब सहित उत्तर भारत के हिस्सों में आने वाले 36 घंटों तक बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। पर इन इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।

इसके बाद बात करें मध्यप्रदेश की तो यहाँ आने वाले कुछ दिन भी मानसूनी बारिश के सक्रिय रहने की संभावना है। निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, कोंकण गोवा, इससे सटे मध्य महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय भागों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश में मानसून प्रवेश के बाद मौसम विभाग ने दी 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

Take precautions related to agriculture during the weather changes

मध्यप्रदेश में मानसून ने अपने तय समय पर दस्तक दे दी है और इसके कारण ही प्रदेश के कई जिलों में बारिश और आंधी का दौर देखने को मिल रहा है। मानसून के आगमन के साथ ही सोमवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 22 जिलों में बारिश की शुरुआत हो गई।

मौसम विभाग के अनुसार मानसून होशंगाबाद, इंदौर, शहडोल और जबलपुर संभाग के अधिकतर जिलों में पहुँच चुका है। इसके अलावा उज्जैन संभाग के कुछ जिलों में भी मानसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। इसके साथ ही मौसम विभाग की तरफ से आने वाले 24 घंटे के दौरान 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है। इन जिलों में अनूपपुर, बड़वानी, बैतूल, छिंदवाड़ा, धार, डिंडोरी, होशंगाबाद, हरदा, झाबुआ, खरगौन, नरसिंहपुर, रीवा, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उमरिया शामिल हैं।

आगामी 48 घंटे के दौरान मानूसन के पूर्वी मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ने की पूरी संभावना है। मानसून की उत्तरी सीमा कांडला अहदाबाद, इंदौर, नरसिंहपुर, उमरिया एवं बलिया से होकर गुजर रही है।

स्रोत: नई दुनिया

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क्या अम्फान का मानसून पर भी होगा असर, वैज्ञानिकों में मतभेद, जानें कब आएगा मानसून

Will Amphan effect the monsoon, differences in scientists, know when monsoon will come

अंफन (अम्फान) चक्रवात इस सदी के पहले सुपर साइक्लोन में परिवर्तित हो गया है और इसके कारण भारत के पूर्वी हिस्से में भीषण बरसात और तूफानी हवाएं चलीं। इस सुपर साइक्लोन का कितना असर आने वाले मानसून पर पड़ेगा इसको लेकर मौसम वैज्ञानिकों के बीच थोड़े मतभेद हैं।

जहाँ कुछ मौसम वैज्ञानिकों ने इस तूफ़ान की वजह से मानसून के आगमन में 4 दिन के देरी की संभावना व्यक्त की थी वहीं मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट के वैज्ञानिकों का मनना है कि मॉनसून इस साल भी अपनी रफ्तार पर रहेगा और तय तारीख 1 जून से दो दिन पहले यानी 28 मई को केरल तट पर दस्तक देगा।

स्काइमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने इस विषय पर कहा की, “दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में अपने समय से 5 दिन पहले पहुंच चुका है। इसको केरल के तट पर पहुंचने में अमूमन 10 दिन और लगते हैं। हालांकि, अंडमान सागर और केरल में मॉनसून के आगमन का देश के बाकी हिस्सों में आने से संबंध नहीं है।”

स्रोत: आजतक

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