पौध वृद्धि में मैगनीज का महत्व:- मैंगनीज़ (Mn) एक आवश्यक पौध खनिज पोषक तत्व है, जो कई शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, विशेष रूप से प्रकाश संश्लेषण। लोहा की तुलना में दूसरी सबसे बड़ी मात्रा में पौधों द्वारा मैग्नीज (Mn) की आवश्यकता होती है| कई फसल प्रजातियों अनाज फसलों (गेहूं, जौ और जई), दलहन(फलियाँ, मटर और सोयाबीन), स्टोन फ्रूट (सेब, चेरी और आड़ू), पाम फसले, निम्बू वर्गीय, आलू और शकरकंद आदि में मैगनीज की कमी के लक्षण दिखाई देने पर उसमे मैगनीज युक्त उर्वरक देने पर उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए | इन फसलों में मैगनीज की कमी का असर कुल शुष्क भार और उपज में कमी, रोगों से लड़ने की संरचनात्मक प्रतिरोधकता में कमी, गर्मी एवं सूखे की सहनशीलता में कमी के रूप में पड़ता है| कार्य:- पौधों में विभिन्न जैविक प्रणालियों के लिए प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसमें प्रकाश संश्लेषण, श्वसन, और नाइट्रोजन परिपक्वता आदी शामिल हैं। मैंगनीज पराग अंकुरण, पराग नली विकास, जड़ कोशिका विस्तार और जड़ रोग की प्रतिरोधकता में भी शामिल है।
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