Why use Magnesium on cotton crop

  • कपास के पौधे में भोजन बनाने की प्रक्रिया में मैग्नीशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह क्लोरोफिल का महत्वपूर्ण घटक होता है इसके अलावा मैग्नीशियम पौधे में होने वाली विभिन्न एन्जायमिक क्रियाओ में तथा पौधे के उत्तको को बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है |
  • कपास की फसल में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण बुवाई के 25-30 दिनों बाद पौधे की निचली पत्तियों पर दिखाई देते है, मैग्नीशियम की कमी से ग्रसित पत्तियाँ बैंगनी से लाल रंग की तथा पत्तियों की शिराये हरे रंग की दिखाई देती है |
  • कपास की फसल को मैग्नेशियम की कमी से बचाने के लिए मैग्नेशियम को 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई के समय बेसल डोज के साथ मिलाकर दिया जाता है |
  • कपास की फसल में मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिये मेग्नेशियम सल्फेट @ 70-80 ग्राम प्रति एकड़ की दर  से एक सप्ताह के अंतराल में दो बार स्प्रे किया जाता है |

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Importance of Magnesium in Plants

  • मैग्नीशियम पौधों में होने वाली फोटोसिंथेसिस (पौधों की खाना बनाने की प्रक्रिया) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा यह पत्तियों के हरेपन का प्रमुख तत्व है। मैग्नीशियम (Mg) सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है,जो पौधों में कई एंजाइम गतिविधियों और पादप ऊतकों को बनाने में महत्वपूर्ण  भूमिका निभाता है।
  • मैग्नीशियम की मात्रा मिट्टी में औसतन 0.5 – 40  ग्राम / किलोग्राम तक होती है, परन्तु वर्तमान समय में अधिकांशतः मिट्टी में मैग्नीशियम की मात्रा 3 -25  ग्राम / किलोग्राम तक पायी जाती है |
  • मैग्नेशियम की कमी के पहले लक्षण नीचे की पुरानी पत्तियों पर दिखाई देते है, पत्तियों की शिराएं गहरे रंग एवं शिराओं के बीच का भाग पीले  लाल रंग का हो जाता है ।
  • भूमि में नाइट्रोजन की कमी, मैग्नेशियम की कमी को बढ़ा देती है ।
  • खेत की तैयारी करते समय बेसल डोज के साथ 10 किलोग्राम/एकड़ की दर से मैग्नीशियम सल्फेट ( 9.5 %) की मात्रा को मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाकर दे|
  • मैग्नेशियम की कमी को दूर करने के लिये 70-80 ग्राम/एकड़  की दर से मैग्नेशियम सल्फेट का घोल बनाकर दो बार सप्ताहिक अंतराल से पत्तियों पर छिड़काव करें।
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Nutrient management in maize

  • मक्का की अधिक उपज लेने के लिए संतुलित उर्वरको की मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
  • मक्का की फसल लेने से 15-18 दिन पहले खेत में 8-10 टन/एकड़ की दर से सड़ी हुई गोबर की खाद मिला दे।
  • बुवाई के समय यूरिया @ 65 किलो/एकड़ + डीएपी @ 35 किलो/एकड़ + एमओपी @ 35 किलो/एकड़ + कार्बोफ्यूरान @ 5 किलो/एकड़ की दर से जमीन से दे।
  • बुवाई के 15-20 दिन बाद मैग्नेशियम सल्फेट @ 10 किलो/एकड़ + जिंक सल्फेट @ 07-10 किलो/एकड़ + माईकोरायजा @ 04 किलो/एकड़ की दर से दे।
  • यदि मक्के की बुवाई बेड प्रणाली से की जाती है तब सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रण को फर्रों के बीच डाले |

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