गिलकी की फसल में वायरस के प्रबंधन के उपाय

Management of virus in the sponge gourd crop

गिलकी की फसल में कैसे फैलता है वायरस?
? अधिक गर्मी एवं मौसम परिवर्तन के कारण गिलकी की फसल में वायरस फैलता है।

? इस वायरस का वाहक सफेद मक्खी है।

? यह पत्तियों पर बैठती है और एक से दूसरे खेत में आती जाती रहती है।

? इससे सब्जियों में वायरस का प्रकोप होता है।

क्या होते हैं वायरस प्रकोप के लक्षण?
? वायरस प्रकोप के लक्षण पौधे की सभी अवस्था में देखे जाते हैं।

? इसके कारण पत्तियों की शिरा पीली पड़ जाती है एवं पत्तियों की पर जाल जैसी संरचना बन जाती है।

क्या हैं उपचार के उपाय?
? रासायनिक प्रबधन: इसके निवारण के लिए एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC@ 250 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।

? जैविक प्रबधन: जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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