मक्का की फसल फॉल आर्मी वर्म से हो जायेगी बर्बाद, जल्द कर लें बचाव

Management of fall army worm in Maize Crop,

फॉल आर्मी वर्म दिन में मिट्टी के ढेलों, पुआल, खर-पात के ढेर में छिप जाता है और रात भर फ़सलों को खाता रहता है। प्रभावित खेत/फसल में इसकी संख्या काफी देखी जा सकती है। इस कीट की प्रवृत्ति बड़ी तेजी से खाने की होती है और यह काफी कम समय में पूरे खेत की फसल को खाकर प्रभावित कर सकता है। आर्मी वर्म एक साथ समूह में फसल पर आक्रमण करता है एवं मूलतः रात में फ़सलों की पत्तियों या अन्य हरे भाग को किनारे से काटता है तथा दिन में यह खेत में स्थित दरार या ढेले के नीचे या घने फसल के छाये में छिपा रहता है। जिन क्षेत्रों में इस कीट की संख्या अधिक है उन क्षेत्रों में कीटनाशी का छिड़काव तत्काल किया जाना चाहिए।

  • रासायनिक प्रबधन: नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC @ 600 मिली/एकड़ या फ्लूबेण्डामाइड 39.35% SC @ 50 मिली/एकड़ या क्लोरांट्रानिलप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़, या इमाबेक्टीन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ + बवेरिया बैसियना @ 250 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

  • जैविक प्रबधन: बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जिन क्षेत्रों में इसकी संख्या कम हो, उन क्षेत्रों में कृषक बंधु अपने खेत के मेड़ पर एवं खेत के बीच में जगह-जगह पुआल का छोटे-छोटे ढेर लगा कर रखें। धूप में आर्मी वर्म (सैनिक कीट) छाया की खोज में इन पुआल के ढेर में छिप जाता है। शाम को इन पुआल के ढेर को इकट्ठा करके जला देना चाहिए।

  • इसके अलावा आप अपने खेत में फेरोमोन ट्रैप का उपयोग भी कर सकते हैं। एक एकड़ में 10 ट्रैप लगाएं।

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मक्का की फसल में सैनिक कीट का प्रबंधन

Management of fall army worm in Maize Crop
  • यह कीट दिन में मिट्टी के ढेलों और पुआल के ढेर में छिप जाता है और रात भर फसलों को खाता रहता है। प्रभावित खेत/फसल में इसकी काफी संख्या देखी जा सकती है। यह कीट बहुत तेज़ी से फसलों को खाता है और काफी कम समय में पूरे खेत की फसल को खाकर ख़त्म कर सकता है। अतः इस कीट का प्रबंधन/नियंत्रण आवश्यक है।
  • जिन क्षेत्रों में सैनिक कीट की संख्या अधिक है उस खेत में इसका प्रबंधन/नियंत्रण तत्काल किया जाना बहुत आवश्यक होता है।
  • इसके नियंत्रण के लिए लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5% EC 4.6% + क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 9.3% ZC 100 मिली/एकड़, या क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़, या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना 1.15% WP @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जिन खेतो में इसका प्रकोप थोड़ी कम मात्रा में हो, तब ऐसी स्थिति में किसान अपने खेत के मेड़ पर या खेत के बीच में पुआल के छोटे छोटे ढेर लगा कर रखें। जब बहुत अधिक धूप पड़ती है तब आर्मी वर्म (सैनिक कीट) छाया की खोज में इन पुआल के ढेर में छिप जाते हैं। शाम को इन पुआल को इकट्ठा करके जला देना चाहिए।

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