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अदरक की फसल में बारिश के समय प्रायः जीवाणु झुलसा रोग का प्रकोप देखा जाता है। इसमें पानी से लथपथ धब्बे अदरक के आभासी तने (स्यूडो स्टेम) के कॉलर क्षेत्र में दिखाई देते हैं जो की ऊपर और नीचे की ओर बढ़ते हैं।
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इस रोग का पहला विशिष्ट लक्षण निचली पत्तियों के किनारों का हल्का मुड़ना है जो ऊपर की ओर फैलता है।
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सबसे पहले पीलापन निचली पत्तियों से शुरू होता है और धीरे-धीरे ऊपरी पत्तियों तक बढ़ता है। बाद की अवस्था में, पौधे में गंभीर पीलेपन और मुरझाने के लक्षण प्रदर्शित होते हैं।
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प्रभावित पौधे के संवहनी ऊतक पर गहरे रंग की धारियां दिखाई देती है इसके अलावा जब प्रभावित स्यूडो स्टेम और कंद को दबाया जाता है, तो संवहनी उत्तक से धीरे से दूधिया तेल बाहर निकलता है।
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इसके प्रबंधन के लिए कासुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 46% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट IP 90% W/W + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड IP 10% W/W @ 24 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
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जैविक नियंत्रण के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 1 किलो/एकड़ का उपयोग करें।
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