ये हैं मूंग को क्षति पहुंचाने वाले प्रमुख रसचूसक कीट, जानें बचाव के उपाय

Major sucking pests that damage moong crop

  • मूंग की फसल को क्षति पहुंचाने वाले प्रमुख रसचूसक कीटों में माहू और हरा तेला, थ्रिप्स, सफेद मक्खी आदि फसल के कोमल भागों जैसे पत्ती, फूल, फली आदि से रस चूस कर फसल को क्षति पहुंचाते हैं। यदि इन कीटों की सही पहचान करके उचित समय पर प्रबंधन कर लिया जाए तो उपज का काफी भाग नष्ट होने से बचाया जा सकता है l

  • माहू और हरा तेला: इससे ग्रसित पौधे की पत्तियां पीली होकर सिकुड़ कर मुड़ जाती हैं। इसके अत्यधिक संक्रमण की अवस्था में पत्तियां सूख जाती हैं व धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाता है। इनके प्रबंधन के लिए एसिटामिप्रिड 20% एसपी [नोवासेटा] 100 ग्राम या थायोमिथोक्साम 25% डब्ल्यूजी [थियानोवा 25]  @100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • थ्रिप्स: यह कीट पत्तियों की ऊपरी सतह एवं अधिक मात्रा में पत्तियों की निचली सतह पर पाए जाते हैं। इससे प्रभावित पौधे की पत्तियां सूखी व ऊपर की ओर मुड़ी हुई एवं मुरझाई हुई दिखाई देती हैं। इसके प्रबंधन के लिए फिप्रोनिल 5% एससी [फिपनोवा] @ 400 मिली या स्पिनोसेड 45% एससी  [ट्रेसर] @ 75 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • सफेद मक्खी: ग्रसित पौधे की पत्तियां सूख कर गिर जाती हैं। यह कीट पीत शिरा मोज़ेक विषाणु रोग का वाहक है l सफेद मक्खी के प्रबंधन के लिए डायफेन्थुरान 50% एसपी [पेजर] @ 250 ग्राम या फ्लोनिकामिड 50% डब्ल्यूजी [पनामा] @ 60 मिली या एसिटामिप्रिड 20% एसपी [नोवासेटा] @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। लेख पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

Share