बागवानी से होगी बढ़िया कमाई, सरकार देगी फ्री ट्रेनिंग

खेती किसानी को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में सरकार ने बागवानी को बढ़ावा देने के लिए एक खास घोषणा की है। इसके तहत राज्य में सरकार की ओर से आम जन को बागवानी सिखाने के लिए माली ट्रेनिंग दी जाएगी।

इस योजना का उद्देश्य किसानों को मसाला, फल और फूल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि बागवानी के जरिए लोग ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें। वहीं इस योजना के तहत मई 2022 में बागवानी ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसमें किसानों ओर युवाओं को बागवानी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

सरकार ने यह कदम पर्यावरण संरक्षण के तहत उठाया है। बता देंं कि लंबे समय तक एक ही तरह की खेती करने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता खत्म होने लगती है। ऐसे में दूसरी फसलों की खेती करना मिट्टी और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक है। 

सारांश: मसाला, फल और फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार माली ट्रेनिंग दे रही है। इसमें किसानों ओर युवाओं को बागवानी के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।

स्रोत: टीवी9 हिंदी

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बेटियों की शादी के लिए सरकार दे रही 55000 रूपए की मदद

Mukhyamantri Kanya Vivah Yojana

मध्यप्रदेश सरकार राज्य की बेटियों की शादी के लिए ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ चला रही है। इस योजना के माध्यम से बेटी की शादी के लिए 55 हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इससे पहले योजना में 51 हजार रूपए की नगद राशि लाभार्थी को दी जाती थी। अब सरकार ने राशि को बढ़ाने के साथ ही इसे भेंट सामग्री के रूप में देने का फैसला किया है।

इसके अनुसार केवल गरीब परिवार से संबंध रखने वाली बेटियां ही इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। जहां शादी कर रही लड़की की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी जरूरी है। इसके साथ ही लड़की से शादी कर रहे लड़के की उम्र 21 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए। इसके अलावा जिन माता-पिता का तलाक हो गया हो, वह भी अपनी बेटियों के लिए इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही लड़की का नाम समग्र पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना जरूरी है।

इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है। अगर आप भी इस योजना के तहत पात्रता रखते हैं तो जल्द आवेदन कर इसका लाभ उठाएं।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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एमपी में सिंचाई पर खर्च होंगे 900 करोड़, किसान भाईयों को लाभ

900 crores will be spent on irrigation in MP

कृषि क्षेत्र की तरक्की के लिए सिंचाई सबसे महत्वपूर्ण होता है। हालाकि गर्मी का मौसम आते ही पानी की किल्लत होनी शुरू हो जाती है। ऐसे में पानी की कमी के चलते किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। खेती में पानी की समस्या को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी है।

इस योजना के तहत राज्य के रीवा, बुरहानपुर और सिंगरौली में सिंचाई परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 900 करोड़ रूपए का बजट पेश किया है। वहीं इस योजना की मदद से 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैले खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके जरिए किसानों उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी और खेती में कई गुना मुनाफा होगा।

सरकार ने 2025 तक राज्य के 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। सरकार के अनुसार इन परियोजनाओं से कृषि क्षेत्र में विकास रफ्तार से होगा।

स्रोत: टीवी 9

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शुरू हुई तीर्थ दर्शन योजना, 974 यात्री काशी यात्रा पर निकले

Tirth Darshan scheme

मध्य प्रदेश के बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए शुरू की गई तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत एक ट्रेन काशी यात्रा के लिए आज निकल रही है। इस ट्रैन में 974 यात्री यात्रा का आनंद लेंगे। वीडियो के माध्यम से देखें विस्तृत रिपोर्ट।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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चना किसानों को होगा लाखों का मुनाफा, सरकार ने जारी किए नये नियम

Madhya Pradesh Gram Procurement on MSP

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के किसान भाईयों के लिए एक खास घोषण की है। इस घोषणा के तहत अब से चना किसान एक दिन में 40 क्विंटल तक चना बेच सकेंगे। बता दें कि इससे पहले तक राज्य में एक दिन में सिर्फ 25 क्विंटल ही चना बेचने का नियम था। जहां बाकी बची फसल को बेचने के लिए किसानों को अगले दिन का इंतजार करना पड़ता था। किसानों की इस मुश्किल को खत्म करने के लिए सरकार ने कृषि नियमों में बड़ा बदलाव किया है।

हालाकि इसके साथ ही किसानों के लिए एक शर्त भी रखी गई है। इसके तहत वही किसान हर दिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 40 क्विंटल चना बेच पाएंगे, जिनकी लैंड रिकॉर्ड की मैपिंग उत्पादकता के साथ की गई हो। वहीं इस बार चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रूपए क्विंटल तय किया गया है।

बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ो के तहत राज्य में इस साल 114.27 लाख हेक्टेयर चना की बुवाई की गई है। इसके अनुसार 13.12 मिलियन टन रिकॉर्ड उत्पाद की उम्मीद की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो राज्य के किसान भाईयों को इस बार काफी बढ़िया मुनाफा होगा।

स्रोत: गांव कनेक्शन

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मध्यप्रदेश में एक ही दिन शुरू होगी गेहूँ, चना, सरसों एवं मसूर की खरीदी

Purchase of wheat, gram, mustard and lentils will start on same day in Madhya Pradesh

रबी फसलों की कटाई का समय आ गया है। किसान गेहूँ की कटाई अब शुरू करने वाले हैं। फसल कटाई की तैयारियों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने उपज खरीदने की तारीखों की भी घोषणा कर दी है। आने वाले महीने मार्च की 15 तारीख से सरकार खरीदी प्रक्रिया शुरू कर देगी।

इस बाबत मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि “15 मार्च से गेहूँ के साथ चना, सरसों, मसूर की खरीद भी होगी और खरीद की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है।” उन्होंने आगे कहा की “गेहूँ के साथ ही चना, सरसों, मसूर की खरीदी शुरू होने से किसानों को समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम मिलेगा।

स्रोत: न्यूज़ 18

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शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, फसल क्षति पर किसानों को 5000 रूपये तो ज़रूर मिलेंगे

प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसलों को कई बार नुकसान का सामना करना पड़ता है। अब इसी नुकसान की भरपाई के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है की प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति की भरपाई के लिए कम से कम 5 हजार रुपये की सहायता राशि तो जरूर मिलेगी।

यह निर्णय प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में लिया गया है। इस निर्णय में प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ वन्य प्राणियों द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुकसान की भी भरपाई हेतु अनुदान देने की बात कही गई है।

स्रोत: कृषक जगत

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अब महाराष्ट्र, UP सहित कई क्षेत्रों के निर्यातकों से सीधे जुड़ेंगे म.प्र के किसान: कृषि मंत्री श्री कमल पटेल

Now farmers of MP will directly connect with exporters of many states including Maharashtra, UP

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने मंत्रालय से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक बैठक की जिसमे उन्होंने निर्यातकों से सीधी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया की कृषि एवं प्र-संस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के माध्यम से महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश समेत अन्य कई प्रदेशों के 10 से ज्यादा निर्यातकों ने मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादों में दिलचस्पी दिखाई है।

इस बैठक के दौरान निर्यातकों ने मंत्री श्री पटेल से यह अनुरोध किया कि “अगर प्रदेश सरकार उन्हें सुविधाएँ प्रदान करती है तो वे प्रदेश के किसानों से अनुबंध कर अन्य प्रदेशों में कृषि उत्पादों का निर्यात करेंगे।” निर्यातकों के इस अनुरोध पर मंत्री श्री पटेल ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा की “प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के हित में निर्णय लेंगे और सरकार आवश्यक सहयोग और सुविधाएँ निर्यातकों को मुहैया कराएगी।”

मंत्री श्री पटेल ने इस दौरान कहा कि “किसानों को उनकी उपज का फायदा पहुँचाने के लिये प्रदेश में सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग, निर्यात के लिए तय मापदण्डों से अवगत कराने विशेषज्ञ समूह आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराने जा रहे हैं।”

स्रोत: कृषक जगत

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मध्‍य प्रदेश में इस दिन शुरू होगी चना एवं मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी

Purchase of Gram and Lentils on support price will begin in Madhya Pradesh on this day

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हुए दो हफ्ते से ज्यादा बीत चुके हैं। अब सरकार किसानों से चना एवं मसूर की खरीदी शुरू करने वाली है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर चना एवं मसूर की खरीदी 29 अप्रैल से शुरू हो जाएगी।

इस विषय पर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की और इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को चना और मसूर की खरीदी की प्रक्रिया के दौरान लॉकडाउन संबंधी दिशा निर्देशों के साथ सामाजिक दूरी का पालन कराने के निर्देश भी दिए हैं।

इस समीक्षा बैठक में बताया गया अब तक तीन लाख 72 हजार किसानों से 16 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर ली गई है और इसके एवज में किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है।

स्रोत: नई दूनिया

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मध्य प्रदेश: 15 लाख किसानों को बड़ी राहत, फसल बीमा के अंतर्गत मिलेंगे 2990 करोड़

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

मध्यप्रदेश में किसानों के लिये सरकार की तरफ से एक बड़ी खुशख़बरी आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के 15 लाख किसानों को फसल बीमा के अंतर्गत कुल 2990 करोड़ की बीमा राशि देने की बात कही है।

बता दें की यह बड़ी राशि प्रदेश के किसानों को अगले सप्ताह तक दे भी दी जाएगी। फसल बीमा के तहत यह राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंचा दी जायेगी। मंत्रालय में कृषि विभाग की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया जहाँ मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

दरअसल साल 2018 के खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के करीब 35 लाख किसानों ने अपनी फ़सलों का बीमा कराया था। अब इनमें से 8.40 लाख किसानों को 1930 करोड़ की बीमा राशि मिलनी है। इसके अलावा 2018-19 के रबी सीजन में प्रदेश के 25 लाख किसानों ने रबी फ़सलों के लिए बीमा कराया था, इनमें से भी 6.60 लाख किसानों को 1060 करोड़ की बीमा राशि मिलनी है।

स्रोत: एनडीटीवी

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