ट्रैक्टर खरीदी पर पाएं 1 लाख रूपए का अनुदान, जल्द करें आवेदन

ट्रैक्टर की मदद से खेतीबाड़ी करना बहुत आसान हो जाता है। हालांकि आर्थिक तंगी के चलते सभी किसान ट्रैक्टर नहीं खरीद पाते हैं। इसी क्रम में किसानों की आर्थिक सहायता के लिए मध्य प्रदेश सरकार एक खास योजना चला रही है। इस योजना के तहत ट्रैक्टर की खरीदी के लिए एक लाख रूपए तक अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।  

किसानों को इस योजना का लाभ 20 एचपी के ट्रैक्टर पर दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के किसानों को ट्रैक्टर की लागत का 25% यानी अधिकतम राशि 75 हजार रुपए अनुदान दिया जा रहा है। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए लागत का 35% यानी अधिकतम एक लाख रुपए अनुदान राशि दी जा रही है। 

ट्रैक्टर पर सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के उद्यानिकी विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवदेन करते दौरान किसान के पास निम्न दस्तावेजों का होना जरूरी है।  

  • आधार कार्ड 

  • बैंक पासबुक की कॉपी

  • जाति प्रमाण पत्र

  • निवास प्रमाण पत्र

  • खेत के कागजात जिसमें खसरा नंबर/बी-1/पट्टे की प्रति

  • आवेदक किसान का फोटो

इस योजना की जानकारी किसान विकासखंड एवं जिला उद्यानिकी विभाग से प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आवेदन की अंतिम तिथि 5 सितंबर 2022 है। तो बिना समय गवाए जल्द इस योजना के लिए आवदेन करें।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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50% अनुदान पर बनवाएं प्याज़ भंडार गृह, जल्द करें आवेदन

भंडारण की उचित व्यवस्था न होने की वजह से किसानों को फसलों के सही दाम नहीं मिल पाते हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार उपज प्रबंंधन के लिए पैक हाउस, समेकित भंडार गृह एवं प्याज़ भंडार गृह पर अनुदान प्रदान कर रही है, ताकि आर्थिक तौर पर कमज़ोर किसान भी अपनी फसल का भंडारण बिना किसी मुश्किल के कर सकें। इसके लिए प्रदेश सरकार किसानों को पैक हाउस, समेकित भंडारण एवं प्याज़ भंडार गृह के लिए अलग अलग अनुदान दे रही है।

पैक हाउस पर मिलने वाला अनुदान

शासन द्वारा पैक हाउस (9M*6M) के निर्माण की लागत 4 लाख रूपए निर्धारित की गई है। इसमें 2 लाख रूपए अनुदान के तौर पर दिए जा रहे हैं, यानी की किसानों को लागत की सिर्फ 50% राशि ही पैक हाउस के निर्माण में खर्च करनी होगी। इस योजना के लिए 26 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।

समेकित भंडारण पर मिलने वाला अनुदान

शासन द्वारा समेकित भंडारण (9M*18M) के निर्माण की लागत 50 लाख रूपए निर्धारित की गई है। इसमें किसानों को लागत का 35% अनुदान के तौर पर दिया जा रहा है, यानी कि किसानों को 17 लाख 50 हजार रूपए सरकार द्वारा उपलब्ध होंगे। इस योजना के लिए 5 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।

प्याज भंडार गृह पर मिलने वाला अनुदान

शासन द्वारा कम लागत वाले प्याज भंडार गृह (25 मी.टन) की लागत 1.75 लाख रुपए तय गई है। जिस पर कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें किसानों को अधिकतम 87,500 रुपए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के लिए 40 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।

यहां करें ऑनलाइन आवदेन

16 अगस्त 2022 से आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक किसान राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://mpfsts.mp.gov.in/mphd पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी सभी जानकारी भी इसी वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो बिना देरी करें जल्द आवेदन करें।

स्रोत: किसान समाधान

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एमएसपी पर शुरू हुई मूंग व उड़द की खरीद, जानें बिक्री की अंतिम तारीख

अब तक इस साल गर्मियों में लगाई गई मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक्री शुरू नहीं हुई थी। इस वजह से किसानों को कम दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ी। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल की गर्मियों में उगाई गई मूंग और उड़द फसल की खरीदी शुरू कर दी है।

जिन किसान भाईयों ने 18 जुलाई से 28 जुलाई के बीच ऑनलाइन पंजीयन कराया था। वे सभी किसान MSP पर अपनी मूंग और उड़द की फसल को 30 सितंबर तक बेच सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने किसानों से ही मूंग और उड़द की खरीदी करने का सुझाव दिया है। आदेश के अनुसार छोटे किसानों से 100% खरीदी करने के लिए कहा है, ताकि उन्हें फसल बिक्री के दौरान किसी भी तरह का घाटा न उठाना पड़े।

बता दें कि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूँग एवं उड़द की खरीदी शुरू हो चुकी है। विपणन वर्ष 2022-23 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 हजार 275 रूपए प्रति क्विंटल है। वहीं उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार 300 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

स्रोत: कृषि समाधान

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मुर्रा भैंस की खरीदी पर पाएं 75% का अनुदान, जानें योजना से जुड़े बाकी लाभ

देश में खेती और पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के बाद पशुपालन को आय का दूसरा बेहतर साधन माना जाता है। पशुपालन के जरिए दूध प्राप्त करने के अलावा, किसान इनके मल का प्रयोग प्राकृतिक खाद बनाने में कर सकते हैं। 

हालांकि सभी किसान आर्थिक तंगी के चलते पशु खरीदने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार राज्य के किसानों को मुर्रा भैंस की खरीद पर 50% की सब्सिडी प्रदान कर रही है, ताकि हर तबके का किसान पशुपालन के जरिए अपनी आय का साधन जुटा सके।

योजना में क्या है खास?

इस योजना के अनुसार प्रदेश सरकार पड़ोसी राज्य हरियाणा से मुर्रा भैंसों को मंगवा रही है, जिन्हें 50% की छूट के साथ पशुपालकों को बेचा जाएगा। इसके अलावा एसटी और एससी वर्ग के पशुपालकों को 75% तक की छूट दी जाएगी। इस योजना के तहत पालक अधिकतम दो भैंस खरीद सकते हैं, इनमें से एक गर्भवती और दूसरी बच्चे के साथ दी जाएगी। हांलाकि शर्त यह भी है कि भैंस खरीदने के बाद इन्हें कम से कम पांच साल तक अपने पास रखना अनिवार्य होगा। 

मुर्रा भैंस की विशेषता

दुग्ध उत्पादन में मुर्रा भैंस सबसे अच्छी नस्ल मानी जाती है। मुर्रा भैंस एक दिन में 12 से 15 लीटर तक दूध देती है। खासतौर पर यह नस्ल पंजाब और हरियाणा में पायी जाती है। हरियाणा में इसे ‘काला सोना’ तक कहा जाता है। एक मुर्रा भैंस की कीमत करीब एक लाख रूपए है, जिन्हें मध्यप्रदेश सरकार अपनी राज्य की जनता को आधे से भी कम दाम पर उपलब्ध करा रही है।

स्रोत: कृषि जागरण

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किसानों को स्टार्टअप के लिए मिल रहा लाखों का फंड, यहां देखे पूरी जानकारी

देश के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार कई योजनाएं लागू करती रहती है। खेती किसानी के अलावा भी रोजगार के अवसर बढ़ाएं जा सकें, इसके लिए सरकार कई प्रयास कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार की ओर से स्टार्ट अप के लिए फंड दिया जाता है। 

इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ‘नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम’ शुरू किया गया है। जिसके माध्यम से कृषि प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल कृषि , कृषि यंत्र, दूध डेयरी, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे विभिन्न श्रेणियों के स्टार्ट अप शुरू करने के लिए फंड दिया जा रहा है।

किसानों के बीच स्टार्ट अप को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 2 महीने के लिए 10 हजार रूपए प्रति माह वजीफा दिया जा रहा है। इस दौरान तकनीकी, वित्त, बौद्धिक संपदा, सांविधिक अनुपालन मुद्दों आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण और विभिन्न कठोर प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही योग्य आवेदकों की सूची तैयार होती है। 

इसके बाद ही लाभार्थियों को स्टार्ट अप के लिए फंडिंग मिलती है। जहां आर-एबीआई एनक्यूबेट्स की सीड स्टेज के लिए 25 लाख की फंडिंग दी जाती है। इस योजना के आधार पर देशभर के 29 कृषि व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्रों को प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। इस योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने और आवेदन के लिए आधिकारिक पोर्टल  https://rkvy.nic.in/ पर विजिट करें।

स्रोत: आज तक

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कृषि यंत्र के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी, जानें कब जारी होगी सूची

कृषि यंत्रों ने खेती किसानी को बहुत आसान कर दिया है। हालांकि आर्थिक परेशानी के चलते सभी किसान इन यंत्रों को नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों तक इनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। कई राज्यों में पात्र किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाते हैं। 

इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने बीते दिनों राज्य के किसानों को बुआई के लिए कृषि यंत्र देने की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत रोटावेटर, रिवर्सिबल प्लाऊ, सीड ड्रिल और सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल दिए जाने थे। वहीं इस योजना के लिए लाभार्थियों को 25 मई से 6 जून 2022 तक आवेदन करना था। 

लेकिन राज्य में पंचायत चुनाव के चलते 28 मई से आचार संहिता लागू हो गई। इस कारण चुने हुए किसानों की सूची जारी होने में थोड़ा समय लग गया है। अब आचार संहिता हटने के बाद ही यानी 15 जुलाई 2022 के उपरांत चयनित किसानों की सूची जारी की जाएगी। जिसे आप लॉटरी ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल https://dbt.mpdage.org/Eng_Index.aspx पर देख सकेंगे।

स्रोत: किसान समाधान

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चने को समर्थन मूल्य पर मिल रहा बढ़िया भाव, जानें बिक्री की अंतिम तिथि

समर्थन मूल्य पर फसल बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं मंडियों में समर्थन मूल्य पर चना खरीद का काम भी रफ्तार पर चल रहा है। हालांकि जिन किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है, वे इसके लाभ से वंचित हैं। इन किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर चना खरीद की तारीख 7 जून से 29 जून कर दी है।

इसके तहत अब किसान भाई पंजीयन करवाकर 29 जून तक अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने चना खरीद की सीमा को बढ़ाकर 25 क्विंटल से 40 क्विंटल कर दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें। सरकार द्वारा की जा रही चने की सरकारी खरीद का भुगतान किसानों को JIT पोर्टल के जरिए दिया जा रहा है। 

इसके साथ ही अगर किसी कारण से 72 घंटे के भीतर भुगतान प्राप्त न हो तो, किसान भाई ऑनलाइन पोर्टल http://www.jit.nic.in/PFMS/Default.aspx के माध्यम से भुगतान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि इस साल चने की खरीद 5230 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर की जा रही है। तो जल्द ही बिना समय गंवाएं इस योजना का लाभ उठाएं। 

स्रोत: किसान समाधान

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इस राज्य में होगी किसान मित्र-किसान दीदी नियुक्ति, 5200 गांव को मिलेगा लाभ

कृषि के लिए प्राकृतिक खेती को हमेशा से बेहतर माना गया है। इस पद्धति से भूमि का प्राकृतिक स्वरूप बना रहता है। इसके साथ ही फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है। इसके महत्व को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस पद्धति को अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकें। 

इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक खास घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश के हर गांव में एक किसान मित्र और एक किसान दीदी की नियुक्ति की जाएगी। जो सभी किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित करेंगे। इनसे मदद लेकर किसान भाई प्राकृतिक खेती के जरिए काफी मुनाफा कमा सकेंगे। इसके अलावा सरकार प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को सब्सिडी देने का भी प्रयास कर रही है।

सरकार की इस योजना के चलते राज्य के करीब 5200 गांवो को लाभ मिलेगा। बता दें कि जो किसान मित्र और किसान दीदी होगी, उनको सरकार द्वारा ट्रेंड किया जाएगा। इस ट्रेनिंग के बाद उन्हें निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। इस तरह गांव के लोगों को रोजगार के लिए अवसर प्राप्त होगा। बहरहाल यह योजना साल 2022 के जून माह में शुरू होगी।

स्त्रोत: भोपाल समाचार

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