धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट की पहचान एवं नियंत्रण

पत्ती लपेटक:- इस कीट की मादा धान की पत्तियों के शिराओं के पास समूह में अंडे देती हैं। इन अण्डों से 6-8 दिन में सूड़ियां बाहर आती हैं। ये सूड़ियां पहले मुलायम पत्तियों को खाती हैं। इसके बाद अपने लार द्वारा रेशमी धागा बनाकर पत्ती को किनारों से मोड़ देती हैं और अन्दर ही अन्दर खुरच कर खाती रहती हैं। इस कीट का प्रकोप अगस्त – सितम्बर माह में अधिक दिखाई देता है। इस रोग के प्रकोप से प्रभावित खेत में धान की पत्तियां सफ़ेद एवं झुलसी हुई दिखायी देती है।

नियंत्रण के उपाय:-

इसके नियंत्रण के लिए, सुपर 505 (क्लोरपायरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी) @ 280 मिली या लेमनोवा (लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 4.90% सीएस) @ 100 मिली +  सिलिकोमैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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