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- यह एक गंभीर बीमारी है जो फाइटोफथोरा नमक कवक के कारण फैलता है और इससे टमाटर की फसल गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है।
- यह रोग 5 दिनों के अंदर टमाटर के पौधों की हरी पत्तियों को नष्ट कर देता है।
- इसमें पत्तियों के किनारों पर सबसे पहले धब्बे बनना प्रारंभ होते हैं और धीरे-धीरे पूरी पत्ती पर फैल जाते हैं। इसके प्रभाव से शाखाएं एवं तने भी ग्रसित हो जाते हैं। पत्तियों की निचली सतहों पर सफेद रंग के गोले धब्बे बन जाते हैं, जो बाद में भूरे व काले हो जाते हैं।
- इससे बचाव हेतु क्लोरोथलोनील 75% WP @ 400 ग्राम/एकड़ या मेटालैक्सिल 8% + मैनकोज़ेब 64% WP @ 600 ग्राम/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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