गाजर घास नियंत्रण के प्रभावी उपाय

Know the measures of Congress grass control
  • किसान भाइयों, गाजर घास एक खरपतवार है, जिसका वैज्ञानिक नाम पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस है, इसे कैरट ग्रास, कांग्रेस घास और क्षेत्रीय भाषा में सफेद टोपी, चटक चांदणी आदि नामों से भी जाना जाता है।

  • यांत्रिक विधि द्वारा, नम जमीन में, इस खरपतवार को फूल आने से पहले हाथ से या खुरपी से उखाड़कर, इकट्ठा करके जला देने से काफी हद तक इसका नियंत्रण किया जा सकता है।

  • उखाड़े गये पौधों को 3 से 6 फीट गहरे गड्ढों में गोबर के साथ मिलाकर दबा देने से अच्छी किस्म की खाद तैयार की जा सकती है।

  • इस घास के रासायनिक नियंत्रण के लिए 2,4 डी @ 40 मिली/पंप उपयोग करें। जब गाजर घास के पौधे 3-4 पत्तों की अवस्था में हो छिड़काव कर सकते हैं। 

  • गैर फसली क्षेत्र में ग्लाइफोसेट 41% एसएल @ 225 मिली प्रति पंप की दर से साफ पानी में मिलाकर छिड़काव करें। बेहतर परिणाम के लिए इसमें 250 ग्राम अमोनियम सल्फेट मिला सकते है।

  • जैविक नियंत्रण के लिए बीटल कीट जो गाजर घास को अच्छी तरह नष्ट करने में सक्षम होते हैं और अन्य उपयोगी फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं डालते। जून से अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में बीटल कीट अधिक सक्रिय रहता है और 1 एकड़ के लिए लगभग 3 से 4 लाख बीटल कीट पर्याप्त रहता है। 

  • केसिया टोरा, गेंदा, जंगली चौलाई जैसे कुछ पौधों की बुवाई मानसून से पहले अप्रैल-मई में करने से गाजर घास ग्रसित क्षेत्र का प्रसारण कम होने लगता है।

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