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- गर्म एवं नमी युक्त मौसम इस फसल के लिये उपयुक्त होता है।
- इस फसल की अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिये रात व दिन का तापमान 18-22 C एवं 30-35 C के मध्य होना चाहिये।
- 25-30 C तापमान पर बीज अंकुरण बहुत तेजी से होता हैं।
- अनुकूल तापमान होने पर मादा फुलो एवं फलो की संख्या प्रति पौधा मे वृद्धि होती है।
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- प्रारंभिक अवस्था में भूमि को भुरभुरी बनाने के लिए खेत की जुताई 4-5 बार करें और अंतिम जुताई के पूर्व 10 -15 टन अच्छी पकी हुई गोबर की खाद को प्रति एकड़ भूमि में मिला दें।
- यदि भूमि में निमेटोड या सफ़ेद चीटी या लाल चीटी का प्रकोप हो तो कार्बोफुरान का 10 कि.ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करें।
- खेत को समतल करने के दौरान 60 से.मी. चौड़ाई वाली नालियों का निर्माण 2- 2.5 से.मी. की दूरी पर करना चाहिए।
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