मूंग की फसल में खरपतवार प्रबंधन कैसे करें?

How to manage weed in moong crop?
  • मूंग प्रमुख दलहनी फसलों में शामिल है एवं कम समय में अच्छा उत्पादन देने वाली फसल है।
  • मध्य प्रदेश के कई जिले में मूंग की खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है।
  • मूंग की बुआई के बाद लगभग 20 से 30 दिन तक किसान को खरपतवारों पर खास ध्यान देना चाहिए।
  • ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआती दौर में खरपतवार फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
  • मूंग की फसल में किसान पेन्डीमिथालीन 38.7 CS@ 700 मिली/एकड़ की दर से पूर्व उद्भव खरपतवारनाशी के रूप में उपयोग करें।
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लांच हुआ किसान रथ मोबाइल एप, कृषि उत्पाद के बेहतर परिवहन में होगा मददगार

Kisan Rath App launched, will be helpful in better transportation of agricultural produce

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच देश भर में चल रहे लॉकडाउन को मद्देनज़र रखते हुए ख़ास कर के कृषि से जुड़े लोगों को सरकार की तरफ से हर संभव मदद और राहत देने का कार्य चल रहा है। अब इसी कड़ी में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को किसान रथ मोबाइल एप लांच किया है जो कृषि उत्पादों के परिवहन में सुगमता लाएगा।

श्री तोमर के साथ इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला एवं श्री कैलाश चौधरी तथा मंत्रालय के सचिव श्री सजंय अग्रवाल सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस मौके पर श्री तोमर ने कहा कि “मौजूदा संकट के दौर में ही, कृषि का काम भी बहुत तेज़ी के साथ करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा की “कृषि उत्पादों के परिवहन में कुछ दिक्कतें थी, और इसी को दूर करने के लिए किसान रथ मोबाइल एप लांच किया गया है। यह मोबाइल एप निश्चित रूप से पूरे देश में कृषि उत्पादों के सुचारू परिवहन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”

इस एप को आप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं और फिर इसपर खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। इस एप में किसान, ट्रेडर और सर्विस प्रोवाइडर तीनों खुद को रजिस्टर कर सकते हैं।

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टमाटर को नोक की सड़न (ब्लॉसम एन्ड रॉट) से कैसे बचाएं?

Tomatoes Blossom End Rot disease
  • यह एक दैहिक विकार है जो कैल्सियम की कमी से फलों में होता है।
  • रोपाई के 15 दिन पहले मुख्य खेत में गोबर की ठीक से सड़ी हुई खाद का उपयोग करें।
  • कमी के लक्षण दिखाई देने पर कैल्शियम EDTA @ 150 ग्राम/एकड़ की दर से दो बार छिड़काव करें। या
  • मेटलैक्सिल 4% + मैन्कोजेब 64% डब्लू.पी 30 ग्राम और कासुगामायसिन 3% एस.एल 25 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तथा चौथे दिन चिलेटेड कैल्सियम 15 ग्राम + बोरोन 15 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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देश पर मंडरा रहे बड़े जल संकट को बेहतर जल प्रबंधन से कर सकते हैं दूर

Better water management can overcome big water crisis hovering over the country

हमारा देश आने वाले सालों में भीषण जल संकट का सामना कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है की भारत में लोग पानी का महत्व नहीं समझ रहे हैं और इसकी खूब बर्बादी कर रहे हैं। ऐसे में पानी की इसी बर्बादी के कारण आने वाले समय में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

वर्तमान की बात करें तो लगभग दो लाख लोगों की एक बड़ी आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वे या तो अपनी जान गंवा रहे हैं या फिर गंभीर रोगों से ग्रसित हो रहे हैं।

क्या है इसका समाधान
ऐसा नहीं है की भारत में जल की कोई बड़ी समस्या है, पर भारत में जल प्रबंधन पर जोड़ नहीं दिया जाता है जिस कारण हर साल देश के कई राज्यों में बारिश के पानी को बह जाने दिया जाता है। यही कारण है की देश में कुछ जगहों पर बाढ़ तो कुछ जगहों पर सूखा देखने को मिलता है। सच तो यही है की भारत में जल का बेहतर प्रबंधन कर के ही आने वाली जल संकट की समस्या को रोका जा सकता है

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कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसल कटाई पर दी उपयोगी सलाह

Amidst fears of Corona, Indian Council of Agricultural Research gave useful advice on harvesting

कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को फसल कटाई पर कुछ उपयोगी सलाह दिए हैं। परिषद ने कहा है कि किसान गेंहू की कटाई अभी कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं। परिषद का मानना है की गेहूं की कटाई में 20 अप्रैल तक देरी की जा सकती है और इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

इसके पीछे का कारण बताते हुए परिषद ने कहा की ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान अभी भी औसत से नीचे है और इसीलिए कटाई में कुछ देरी की जा सकती है। ग़ौरतलब है की आमतौर पर, गेहूं की कटाई मार्च महीने के अंत से शुरू होती है।

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मौसम में हो रहे बदलाव के दौरान बरतें कृषि संबंधित सावधानियां

Take precautions related to agriculture during the weather changes
  • खेत में जल निकास का प्रबंधन करें ताकि खेत में पानी ज्यादा देर तक न रुक सके।
  • फसल कटाई के दौरान उसे खुले खेत में न रखकर किसी छपरे, कमरे, गोदाम अथवा जहाँ बारिश का पानी न आये, ऐसी जगह पर रखें।
  • आसमान के साफ़ होने पर चना मसूर गेहूं को तिरपाल या प्लास्टिक की चादरों पर खोलकर 2 से 3 दिन तक अच्छी तरह सुखा लें। दानों में नमी की मात्रा 12% से कम हो जाए तभी इसका भंडारण करें।
  • बीज भंडारण के पहले फफूंदनाशक दवा से बीज उपचार करना जरूरी होता है जिससे बीज जनित रोग का सस्ता एवं कारगर नियंत्रण हो सकता है।
  • बीज उपचार हेतु थाइरम या केप्टान दवा 3 ग्राम अथवा कार्बोक्सिन 2 ग्राम प्रति किलो की दर से उपचारित करना चाहिए।
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कोरोना वायरस के मद्देनजर क्या है देश में खाद्य भंडारण की स्थिति?

What is the situation of food storage in the country
  • कोरोना वायरस से बचने के लिए 21 दिनों तक घोषित देश में तालाबंदी (लॉक डाउन) के इस कठिन समय में भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन ने बताया कि देश में इस वक्त सरकारी गोदामों में गेहूं, दाल, तेल और चीनी का भरपूर भंडार है।
  • देश के पास पर्याप्त खाद्य भंडार, मौजूदा स्टॉक से ज़रूरतमंदों को 18 महीने तक आपूर्ति की जा सकती है।
  • इस साल देश में रिकॉर्ड 291.10 लाख टन खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है जो मेहनती किसानों के कारण संभव हो सका।
  • इस विपदा के समय में ग्रामोफ़ोन परिवार सभी किसानों का आभार व्यक्त करता है।
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किसानों को राहत, अल्पकालीन फसली ऋण चुकाने की मियाद एक महीने बढ़ाई गई

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से देश भर में चल रहे लॉक डाउन से बहुत सारे लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। हमारे किसान भाइयों को भी इसकी वजह से कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्ही समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार ने किसानों द्वारा ली गई अल्पकालीन फसली ऋण के भुगतान की तिथि एक महीने आगे बढ़ा दी है। 

केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अल्पकालीन फसली ऋण के पुनर्भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें की अब किसान भाई 31 मई 2020 तक अल्पकालीन फसली ऋण को बगैर किसी दंडात्मक ब्याज के महज 4% सालाना ब्याज की दर पर भुगतान कर सकते हैं।

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गेहूँ और चावल की कीमतों पर केंद्र सरकार देगी रियायत

Central government will give concession on the prices of wheat and rice
  • कोरोना विश्व महामारी के इस मुश्किल दौर से निपटने के लिए सरकार ने कुछ बड़े कदम उठाये हैं। 
  • जनता को परेशानी ना हो इसका ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ती दर पर अनाज देने का फैसला किया गया है। 
  • सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रूपये प्रति किलो वाला गेहूं मात्र ₹2 प्रति किलोग्राम में और 37 रूपये प्रति किलो वाला चावल 3 रूपये प्रति किलोग्राम में देने का फैसला किया है। 
  • इस पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगें जो तीन महीने के लिए राज्यों को एडवांस में दिया गया है।
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