जानें क्या है कपास समृद्धि किट के उपयोग का तरीका

  • कपास समृद्धि किट का उपयोग करने के लिए खेत की अंतिम जुताई के समय या बुआई से पहले किट के उत्पादों को गोबर की सड़ी हुई खाद में उपयुक्त मात्रा के अनुसार मिला देना चाहिए।
  • कपास समृद्धि किट जिसमें एस.के. बायोबिज़, ग्रामेक्स, कॉम्बैट और ताबा-जी जैसे उत्पाद हैं, को 8.1 किलो प्रति 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में बुआई से पहले एक एकड़ के खेत में मिलादें।
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जाने कपास समृद्धि किट के बेहतरीन उत्पाद

ग्रामोफ़ोन की पेशकश “कपास समृद्धि किट” का इस्तेमाल आपकी कपास की फसल के लिए वरदान साबित होगा। आइये जानते हैं इस किट में मौजूद बेहतरीन उत्पादों के बारे में।

  • एस. के. बायोबिज़: यह एन.पी.के. बैक्टीरिया का कंसोर्टिया है जो एजोटोबैक्टर, फॉस्फोरस सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया और पोटेशियम मोबिलाइज़िंग बैक्टीरिया से मिलकर बना है। यह पौधों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम उपलब्ध कराते हैं।
  • ग्रामेक्स: इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड, एमिनो एसिड, समुद्री शैवाल और माइकोराइजा आदि तत्वों का ख़ज़ाना होता है।
  • कॉम्बैट: इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों की रोकथाम में सक्षम है।
  • ताबा-जी: इसमें जिंक सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया होते हैं, जो पौधे को जिंक तत्व उपलब्ध कराता है।
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बुआई से पहले बेहतर भूमि प्रबंधन कर कपास की फसल से प्राप्त करें अच्छा उत्पादन

  • कपास में कृषि प्रक्रिया गहरी जुताई के साथ आरंभ करने के बाद 3-4 बार हैरो चला दें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो और इसकी जल धारण क्षमता भी बढ़ जाये। ऐसा करने से मिट्टी में उपस्थित हानिकारक कीट, उनके अंडे, प्युपा तथा कवकों के बीजाणु भी नष्ट हो जाते हैं।
  • ग्रामोफ़ोन की पेशकश कपास समृद्धि किट में मिट्टी उपचार करने के लिए अनेक उत्पाद है जो भूमि प्रबंधन को बेहतर करते है। इस किट में जिंक सोलूबलाइज़िंग बैक्टेरिया, समुद्री शैवाल, एमिनो एसिड, ह्यूमिक एसिड, माइकोराइजा, ट्राइकोडर्मा विरिडी और एनपीके कन्सोर्टिया बैक्टेरिया शामिल हैं।
  • इस कपास समृद्धि किट का वज़न 8.1 किलो है, इसे 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर बुआई से पहले एक एकड़ खेत में मिला दें।
  • ऐसा करने से भूमि की संरचना व जल धारण क्षमता में सुधार होता है, पौधें का संपूर्ण विकास व संपूर्ण पोषण वृद्धि के साथ-साथ हानिकारक मृदाजनित कवक रोगों से भी सुरक्षा हो जाती है।
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कपास समृद्धि किट में उपस्थित उत्पादों के फायदे

  • कपास समृद्धि किट मिट्टी की उत्पादकता बढ़ा कर उपज को बेहतर करने में सहयोग देता है।
  • यह जैविक कार्बन को बढ़ाने में भी सहायक है।
  • ये उत्पाद उर्वरक उपयोग दक्षता में सुधार लाकर गुणवत्ता के साथ उपज में वृद्धि करता है। जिससे रासायनिक उर्वरकों की मात्रा को कम किया जा सकता है।
  • इसका कार्य प्रारंभिक अंकुर वृद्धि कर जड़ विकास और पौध स्वास्थ्य विकास करना है।
  • यह मिट्टी संरचना में सुधार लाकर मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को भी बढ़ाता है।
  • फसल में लगने वाले जड़ सड़न, उकठा, आद्र गलन जैसे मृदाजनित रोगों से रक्षा करता है।
  • नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक, फॉस्फेटिक, पोटाश तथा जिंक पोषक तत्वों की सतत आपूर्ति कर उर्वरक इनपुट लागत में कमी लाता है।
  • ये उत्पाद जैविक होते है जो कोई विषैला प्रभाव नहीं छोड़ते है।
  • मिट्टी PH और जल धारण क्षमता में सुधार करता है।

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क्या हैं कपास समृद्धि किट के बेहतरीन उत्पाद, जाने उपयोग का तरीका

  • एस. के. बायोबिज़: इसमें एन.पी.के. बैक्टीरिया के कंसोर्टिया है जो एजोटोबैक्टर, फॉस्फोरस सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया और पोटेशियम मोबिलाइज़िंग बैक्टीरिया से मिलकर बना है। जो नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम पौधों को उपलब्ध कराते हैं। 100 ग्राम एन.पी.के. बैक्टीरिया को 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से मिलाकर अंतिम जुताई के समय खेत में बिखेर देना चाहिए।
  • ग्रामेक्स: इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड, एमिनो एसिड, समुद्री शैवाल और माइकोराइजा आदि तत्वों का खजाना होता है। यह 2 किलो प्रति एकड़ की दर से 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर अंतिम जुताई के समय खेत में बिखेरना चाहिए।
  • कॉम्बैट: इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों की रोकथाम में सक्षम है। यह 4 ग्राम प्रति किलो बीज उपचार के लिए तथा 2 किलो प्रति एकड़ की दर से 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर मिट्टी उपचार में काम आता है।
  • ताबा-जी: इसमें जिंक सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया होते है, जो पौधे को जिंक तत्व उपलब्ध कराता है। यह 4 किलो प्रति 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर एक एकड़ खेत में अंतिम जुताई के समय खेत में बिखेरकर उपयोग किया जाता है।

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