खीरे की खेती के दौरान किये जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य:

  • खीरा एक उथली जड़ वाली फसल है इस कारण इसमें अधिक गहरी अन्तर शस्य क्रियाएँ आवश्यक नही होती है।
  • छँटाई करने हेतु सभी द्वितीयक शाखाओं को पाँच गाँठों के साथ काट देने से इसकी फलों की गुणवत्ता में सुधार होता हैं एवं उपज बढ़ती है।
  • पौधे को सहारा देकर उगाया जाता है, जिससे फलों में सड़न की समस्या कम हो जाती है।
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खीरा-ककड़ी की फसल के लिए खेत की तैयारी

  • प्रारंभिक अवस्था में भूमि को भुरभुरी बनाने के लिए खेत की जुताई 4-5 बार करें और अंतिम जुताई के पूर्व 10 -15 टन अच्छी पकी हुई गोबर की खाद को प्रति एकड़ भूमि में मिला दें।
  • यदि भूमि में निमेटोड या सफ़ेद चीटी या लाल चीटी का प्रकोप हो तो कार्बोफुरान का 10 कि.ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करें।
  • खेत को समतल करने के दौरान 60 से.मी. चौड़ाई वाली नालियों का निर्माण 2- 2.5  से.मी. की दूरी पर करना चाहिए।
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