सर्दियों के मौसम पशुओं का विशेष ध्यान रखना होता है जरूरी

It is necessary to take special care of animals in winter season

निरंतर तापमान में गिरावट, शीतलहर एवं पाले जैसी संभावनाओं के बनते समय फसलों के साथ साथ किसानों को अपने पशुओं का भी विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इससे पशु किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रसित होने से बच जाते हैं। 

इस प्रकार रख सकते है पशुओं का ध्यान

  • रात के समय पर पशुशाला के फर्श पर पराली या भूसा बिछाएं जिससे फर्श से सीधी ठंड पशुओं को न लगे।

  • पशुओं को खुले में बिलकुल भी ना रखें, गौशाला में ही रखें जिससे पशु बाहरी हवा और पाले से बच सके।

  • पशुओं को दिन के समय धूप में छोड़ें इससे पशुशाला का फर्श अथवा जमीन सूख जाएगा तथा पशु को गर्माहट भी मिलेगी।

  • पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जूट के बोरे को अच्छे से पहनाकर बांध दें।

  • गौशाला में गोमूत्र के निकलने की उचित व्यवस्था करें, जिससे वहां भराव ना हो।

  • गौशाला के अन्दर या बाहर अलाव जला दें जिससे पशुओं को गर्मी मिलती रहे।

  • पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पशुशाला के खुले दरवाजे और खिड़कियों पर टाट लगाएं जिससे ठंडी हवा अदंर न आ सके।

  • सर्दियों में पशुशाला को हमेशा सूखा और रोगाणुमुक्त रखें। इसके लिए साफ-सफाई करते समय चूना, फिनायल आदि का छिड़काव करते रहना चाहिए।

  • पशुओं को हरे चारे विशेषकर बरसीम के साथ तूड़ी अथवा भूसा मिलाकर खिलाएं। रात के समय में पशुओं को सूखा चारा आहार के रूप में उपलब्ध कराएं।

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