तरबूज बुवाई के 30-35 दिनों बाद किये जाने वाले आवश्यक कार्य

Important tips to be done after 30-35 days of sowing watermelon
  • किसान भाइयों तरबूज़ की फसल में 30-35 दिनों की अवस्था में फूल निकलने की शुरुआत हो जाती है। 

  • इस समय कीट प्रकोप के रूप में थ्रिप्स, माहू, पर्ण सुरंगक जैसे रस चूसक कीटों का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है। इस समय रोगों की बात करें तो कवक एवं जीवाणु जनित रोगों के रूप में पत्ती झुलसा, जड़ गलन, तना गलन आदि प्रकार के रोगों का प्रकोप बहुत अधिक होता है। 

इस वृद्धि अवस्था में निम्नलिखित सिफारिशों को अपनाकर फसल संरक्षित रख सकते हैं 

  • रासायनिक सिफारिशें: नोवासीटा (एसिटामिप्रिड 20% एसपी) @ 100 ग्राम + मिल्ड्यूविप (थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यू/डब्ल्यू) @ 300 ग्राम + अबासिन (एबामेक्टिन 1.9 % ईसी) @ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • जैविक सिफारिशें: कीट नियंत्रण के रूप में बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम एवं कवक जनित रोगों के नियंत्रण के लिए मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस) @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग कर सकते है। 

  • पौधों की इस अवस्था में ज्यादा फूल लगने के लिए डबल (होमब्रेसिनोलॉइड 0.04 डब्ल्यू/डब्ल्यू) @ 100 मिली प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

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