चने की फसल में फली छेदक प्रकोप की पहचान कर जल्द करें रोकथाम

Identify the pod borer outbreak in gram crop and prevent it soon

कीट की पहचान:

  • अंडे: इस कीट के अंडे आकार में गोलाकार होते हैं और क्रीम से सफेद रंग के होते हैं।

  • प्यूपा: प्यूपा भूरे रंग का होता है, जो मिट्टी, पत्ती, फली और पुरानी फसल के अवशेष में पाया जाता है।

  • वयस्क: हल्के पीले से भूरे पीले रंग का दिखाई देता है। इसके अग्र पंखों का रंग हल्के भूरे से गहरा भूरा होता है जिसके ऊपर वी के आकार की संरचना पाई जाती है। इसके पिछले पंख मटमैले सफेद रंग के होते हैं, जिनके बाहरी मार्जिन काले रंग के होते हैं।

क्षति के लक्षण:

  • इसका लार्वा पत्ती में उपस्थित हरे भाग (क्लोरोफिल) को खाना शुरू कर देता है, जिससे अंत में पत्ते की केवल शिराए ही दिखाई देती हैं। इसके बाद ये लार्वा फूलों और हरी फली को खाना शुरू कर देते हैं। लार्वा फली में छेद कर अंदर प्रवेश कर फली के अंदर उपस्थित सारे भाग को खा कर उसे खोखला कर देता है।

    प्रबंधन:

  • रासायनिक नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5% एससी @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • “T” आकार की 20-25 खपच्चियाँ प्रति एकड़ की दर से खेत में लगाएं। यह खपच्चियाँ चने की ऊँचाई से 10-20 सेंटीमीटर अधिक ऊंची लगाना लाभदायक रहता है। इन खपच्चियो पर मित्र कीट जैसे चिड़िया, मैना, बगुले आदि आकर बैठते हैं जो फली छेदक का भक्षण कर फसल को नुकसान से बचाते हैं।

  • फेरोमोन ट्रैप हेलिकोवर्पा आर्मीजेरा 10 प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें l

  • बवेरिया बेसियाना 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

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