कद्दुवर्गीय फसलों में लाल मकड़ी के प्रकोप की ऐसे करें पहचान

Identification of red spider mites in cucurbit crops

लाल मकड़ी दरअसल आंखों से दिखाई न देने वाली यह एक सूक्ष्म जीव है। यह पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर चिपक कर पत्तियों से रस चूसते हैं। यह कीट कपास, बैंगन, टमाटर, भिंडी तथा कद्दूवर्गीय फसलों पर आक्रमण करती है। इस कीट का वयस्क लाल रंग का होता है जो अंडाकार होता है तथा इसके शरीर के ऊपरी भाग में दो धब्बे पाए जाते हैं। इनकी शिशु एवं वयस्क दोनों ही अवस्था हानिकारक होती है। पत्तियों की निचली सतह पर इनके द्वारा बनाई गई जाली से इनकी उपस्थिति पता चलती है। मार्च-अप्रैल का गरम मौसम इनके अधिक प्रकोप के लिए अनुकूल समय है। अपने सूक्ष्म आकार के कारण ये हवा के सहारे एक स्थान से दूसरे स्थान तक विचरण कर सकती है। अधिक प्रकोप होने पर पत्तियां सूखकर गिरने लगती हैं।

नियंत्रण: ग्रसित पत्तियों को तथा खरपतवारों को नष्ट करें। अधिक प्रकोप होने पर टफगोर (डायमिथोएट 30 ईसी) की 300 मिली प्रति एकड़ या ओमाइट (प्रोपेरगाईट 57 ईसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में घोलकर प्रकोपित पौधें पर छिड़काव करें।

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