मूंग की फसल में एन्थ्रेक्नोज रोग की पहचान एवं निवारण के उपाय

Identification and prevention of anthracnose disease in moong crops

इस रोग के कारण फसल की उत्पादकता व गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती है। रोग ग्रसित फलियों पर धब्बे दिखाई देते हैं, ये धब्बे हल्के भूरे एवं लाल रंग के होते हैं। ऐसे हीं धब्बे पत्ती एवं तने पर भी बनते हैं। जब आद्रता अधिक हो तब ये फसल में तेजी से फैलते हैं। फलियों पर इसके धब्बे गोलाकार हंसिये के आकार के दिखाई देते हैं तथा रोग ग्रस्त भाग झड़ जाता है। इस रोग से, ग्रसित बीज की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचता है।

नियंत्रण के उपाय:

  • बुवाई से पहले धानुस्टीन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी) 2 ग्राम/किग्रा बीज की दर से बीजोपचार करना चाहिए।

  • फसल में रोग के लक्षण दिखते ही धानुस्टीन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी)  100 ग्राम/एकड़ या एम-45 (मेन्कोजेब 70% डब्ल्यूपी) 400 ग्राम/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिला कर छिडकाव करें, आवश्यकतानुसार 10-15 दिन के अंतराल पर दोहराना चाहिए।

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