भिंडी की फसल में बुआई पूर्व खेत की तैयारी एवं मिट्टी उपचार

How to prepare the soil and soil treatment before sowing in okra crop

सब्जियों की खेती करने वाले ज्यादातर किसान भाई भिंडी की खेती कर के काफी कम कृषि लागत में अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। अच्छा मुनाफ़ा प्राप्त करने के लिए भिंडी की फसल की बुआई से पहले ही कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखने की जरुरत होती है। भिंडी की फसल के बुआई से पहले खेत की अच्छे से तैयारी की जानी चाहिए और मिट्टी उपचार के साथ साथ उर्वरकों के प्रबंधन का भी ध्यान रखना चाहिए। 

खेत की तैयारी

भिंडी की फसल को हर प्रकार की मिट्टी में अच्छे से उगाया जा सकता है। फसल की बुआई से पहले खेत की मिट्टी में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिलाना चाहिए एवं गोबर के साथ नीम खली को मिलाकर मिट्टी में मिलाना चाहिए। खेत की मिट्टी का पी. एच. मान 5.5-7.0 के बीच होना चाहिए। भूमि की तैयारी के दौरान आवश्यकता अनुसार जुताई करके खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए तथा साथ ही साथ छोटी-छोटी क्यारियां भी बना लेना चाहिए। भारी मिट्टी को ढेले रहित करने के बाद ही बुआई करनी चाहिए। रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं।

मिट्टी उपचार

भिंडी की फसल के बुआई से पहले मिट्टी उपचार करना भी बहुत जरूरी होता है। इससे भिंडी  की फसल के बीमारी रहित रहती है और उत्पादन भी अच्छा होता है। मिट्टी उपचार के लिए सबसे पहले 50-100 किलो FYM या पकी हुई गोबर की खाद या खेत की मिट्टी में मिलाकर बुआई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें। इसके बाद ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से कवक जनित रोगों के लिए उपयोग करें। इसी के साथ कम्पोस्टिंग बैक्टीरिया @ 4 किलो/एकड़ की दर से खाली खेत में पुरानी फसलों के अवशेषों को सड़ाने के लिए भुरकाव के रूप में इस्तेमाल करें। इन दोनों उत्पादों को 50 किलो FYM के साथ मिलाकर भुरकाव के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसके उपयोग के समय खेत में नमी होना बहुत आवश्यक है।

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