ऐसे करें मिर्च की नर्सरी में पौध उपचार, मिलेंगे कई लाभ

How to do plant treatment in chilli nursery and its benefits

जैसे की सभी किसान भाई जानते है की मिर्च की फसल की बुआई नर्सरी में की जाती है और नर्सरी में मिर्च की अवस्था पूर्ण होने के बाद मुख्य खेत में इसकी रोपाई की जाती है।

आइये जानते हैं मिर्च की पौध की रोपाई विधि

बुआई के 35 से 40 दिनों बाद मिर्च की पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। रोपाई का उपयुक्त समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक है। रोपाई के पूर्व नर्सरी में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए, ऐसा करने से पौध की जड़ नहीं टूटती, वृद्धि अच्छी होती है और पौध आसानी से लग जाती है। पौध को जमीन से निकालने के बाद सीधे धूप मे नहीं रखना चाहिये।

आइये अब जानते हैं पौध उपचार की प्रक्रिया

नर्सरी से मिर्च की पौध को निकाल कर खेत में लगाने से पहले पौध का उपचार करना अतिआवश्यक है। अतः इसके जड़ों के अच्छे विकास के लिए 5 ग्राम माइकोरायज़ा प्रति लीटर की दर से एक लीटर पानी में घोल बना लें। इसके बाद मिर्च की पौध की जड़ों को इसके घोल में 10 मिनट के लिए डूबा के रखें। यह प्रक्रिया अपनाने के बाद ही खेत में पौध का रोपण करना चाहिए। रोपाई के तुरंत बाद खेत में हल्का पानी देना चाहिए। मिर्च की पौध की रोपाई लाइन से लाइन की दूरी 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी रखकर करनी चाहिये।

मायकोराइज़ा से पौध उपचार करने से पौध गलन जैसी समस्या नहीं होती है एवं पौध को मुख्य खेत में रोपाई के बाद अच्छी वृद्धि करने में सहायता भी मिलती है।

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