कपास की फसल में पोषण प्रबंधन से मिलेंगे कई लाभ

How to do nutrition management in cotton and know its benefits
  • कपास की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए फसल में उर्वरक या पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।

  • कपास में पोषण प्रबंधन बुआई के 40-45 दिनों में या अंकुरण के बाद दूसरी वृद्धि अवस्था में किया जाता है।

पोषण प्रबंधन हेतु निम्न उत्पादों का उपयोग करें

  • यूरिया: कपास की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में पीलापन एवं सूखने जैसी समस्या नहीं आती है, यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

  • MOP (पोटाश): कपास के लिए पोटाश एक अति आवश्यक पोषक तत्व है। पोटाश कपास के पौधे में संश्लेषित शर्करा को पौधे के सभी भागों तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटाश प्राकृतिक नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: कपास की फसल में मेग्नेशियम सल्फेट अनुप्रयोग से हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती है। अंततः उच्च पैदावार मिलती है और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है।

  • उपयोग की मात्रा: यूरिया @ 40 किलो/एकड़ + MOP @ 30 किलो/एकड़ + मैग्नीशियम सल्फेट @10 किलो/एकड़ की दर से खेत में भुरकाव करें।

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