सोयाबीन की फसल में बुआई के बाद पूर्व उद्भव खरपतवारों का ऐसे करें नियंत्रण

How to control pre-emergence weeds after sowing in soybean crop
  • सोयाबीन की खेती में मुख्य रूप से खरपतवार, कीट व रोगों के प्रकोप से उत्पादन बहुत प्रभावित होता है। इनमें सबसे ज्यादा 35 से 70 प्रतिशत तक हानि केवल खरपतवारों के कारण होती है।

  • खरपतवार नैसर्गिक संसाधन जैसे प्रकाश, मिट्टी, जल, वायु के साथ-साथ पोषक तत्व इत्यादि के लिये भी फसल से प्रतिस्पर्धा कर उपज में भारी कमी लाते हैं।

  • खरपतवारों की अधिकता के कारण, सोयाबीन की फसल में रोगों का भी प्रकोप बहुत अधिक होता है।

  • पूर्व उद्भव खरपतवारनाशक से आशय यह है की ये वे शाकनाशी है, जो फसल की बुवाई के बाद तथा खरपतवार या फसल के अंकुरण से पूर्व खेत में प्रयोग किये जाते हैं। इनका भूमि की सतह पर छिड़काव करते हैं।

  • बुआई के बाद, खरपतवार के उगने से पहले ही इसे नियंत्रित करना बहुत लाभकारी होता है। इसके लिए इमिजाथपायर 2% + पेंडीमेथलीन 30% @ 1 लीटर/एकड़ या डाइक्लोसुलम 84% WDG @ 12.4 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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