सोयाबीन में गर्डल बीटल से होगी भारी क्षति, जानें बचाव के उपाय

How to control girdle beetle infestation in soybean crop

  • गर्डल बीटल कीट सोयाबीन की फसल में सर्वाधिक नुकसान पहुँचाता है। इस कीट की मादा कोमल तने, शाखाओं या पत्ती के डंठल पर दो छल्ले बनाती है और नीचे वाले छल्ले में 3 छेद करती है तथा बीच वाले छेद से अंडे देती है। इसके अंडों से छोटी इल्ली निकलती है जिसके निकलने के बाद यह तने को अंदर ही अंदर खाकर खोखला कर देती है।

  • इसकी वजह से तना कमजोर हो जाता है, जड़ों द्वारा अवशोषित जल व खनिज पत्तियों तक नहीं पहुंच पाता है और संपूर्ण पौधा मुरझा कर सूख जाता है। इस कारण फसल के उत्पादन में भी काफी कमी आती है।

  • रासायनिक प्रबधन: लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% EC @ 200 मिली/एकड़ या बीटासायफ्लूथ्रिन 8.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81% OD @ 150 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक प्रबंधन: बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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