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फल एवं तना छेदक बैंगन की फसल का एक अति हानिकारक कीट हैं। इसकी अत्यधिक नुकसान पहुंचाने वाली अवस्था लार्वा होती है, जो शुरूआती अवस्था में बड़ी पत्तियों, कोमल टहनियों व तने को नुकसान पहुंचाता है, और बाद में कलियों एवं फलों पर गोल छिद्र बना कर के अंदर की सतह को खोखला बना देता हैं l यह कीट बैंगन की फसल को 70 से 100% तक नुकसान पहुंचा सकता है।
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इससे बचाव के लिए रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए।
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रोग ग्रस्त पौधों और फलों को उखाड़कर खेत से बाहर फेंक देंl
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10 फेरामोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से उपयोग करेंl
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फसल में समयानुसार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करेंl
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रासायनिक नियंत्रण: इस कीट के नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG 100 ग्राम या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC 60 मिली या स्पिनोसेड 45% SC 60 मिली या क्युँनालफॉस 25% EC 400 मिली 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ का छिड़काव करेंl
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जैविक नियंत्रण: बवेरिया बेसियाना 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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