- जायद मूंगफली की खुदाई तब करें, जब पौधों की पत्तियों का रंग पीला पड़ने लगे और मूंगफली की फलियों के छिलके के ऊपर नसें उभर आएं तथा भीतरी भाग कत्थई रंग का हो जाए।
- खेत में हल्की सिंचाई कर खुदाई कर लें और पौधों को भूमि से उखाड़ने के बाद छोटे-छोटे गट्ठर बनाकर हल्की धूप या छाया में अच्छी तरह सूखा लें।
- पौधों से फलियों को अलग कर लें। मूंगफली खुदाई में श्रमह्रास कम करने के लिए यांत्रिक ग्राउण्ड नट डिगर उपयोगी है।
- मूंगफली में उचित भंडारण और अंकुरण क्षमता बनाये रखने के लिए खुदाई पश्चात् इसे सावधानीपूर्वक सुखाना चाहिए क्योंकि तेज धूप में इसे सुखाने पर अंकुरण क्षमता का ह्रास होता है।
- भंडारण के पूर्व पके हुये दानों में नमीं की मात्रा 8 से 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए। अन्यथा नमी अधिक होने पर मूंगफली में एस्परजिलस फफूंद द्वारा विषैला तत्व पैदा हो जाता है जो मानव व पशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
- पूर्णतः सूखी फलियों को हवादार स्थान में भण्डारित करना चाहिए। जहाँ पर नमी ग्रहण नहीं किया जा सकें या फिर प्रत्येक बोरे में कैल्शियम क्लोराइड़ 300 ग्राम प्रति 40 कि.ग्रा. बीज की दर से भंडारण करें।
- भण्डारण के समय हानि पहुँचाने वाले कीट पतंगो से सुरक्षा रखें, जिससे भंण्डारण के समय फलियाँ खराब नहीं हो।
Control of white grubs in Soybean and Groundnut
सोयाबीन एवं मूंगफली में सफ़ेद ग्रब का नियंत्रण
नुकसान के लक्षण:- ग्रब जड़ों को खाता है | ग्रब बारीक जड़ों को खाता हैं जिससे पौधे सूखने लगते हैं पौधों का सुखना पेचों में दिखाई देता हैं |
सफ़ेद ग्रब का प्रबंधन:-
- जैव-नियंत्रण:- मेटाराहीजियम एनीसोप्ली जोकि एक फफूंद हैं यहाँ सफ़ेद ग्रब, दीमक एवं जैसिड में रोग पैदा कर के उन्हें मारता है | जमीन से:- 2-4 किलो मेटाराहीजियम एनीसोप्ली को 50 किलो गोबरखाद/कम्पोस्ट खाद/खेत की मिट्टी में मिला कर खेत की तैयारी के समय या खड़ी फसल में दे| छिड़काव:- 2 किलो मेटाराहीजियम एनीसोप्ली को 150- 200 लीटर पानी में घोल बना कर 1 एकड़ में छिड़काव करें |
- रासायनिक दवाई का छिड़काव मध्य जुलाई तक प्रत्येक बारिश के बाद करना चाहिए|
- पहली बारिश के 3-4 दिन के बाद खेत के आसपास एवं पेड़ों के पास शाम के समय क्लोरोपाइरीफॉस 20% EC @ 2 मिली/लीटर का छिड़काव करेने से ग्रब के व्यस्क मर जाते है और ग्रब की संख्या नियंत्रित रहती हैं|
- क्लोरोपाइरीफॉस 20% EC ( 6.5 to 12.5 Ml/kg बीज ) से बीज उपचार करना बहुत प्रभावी पाया गया हैं |
- बहुत अधिक प्रकोप होने पर निम्न मे से किसी एक का प्रयोग करें |
- कार्बोफुरान 3 % @ 10 किलो प्रति एकड़
- क्लोरोपाइरीफॉस 20 EC @ 500 मिली प्रति एकड़
- फोरेट 10% @ 10 किलो प्रति एकड़
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