Control of White fly in Green Gram

मुंग में सफ़ेद मक्खी का नियंत्रण:-

  • शिशु एवं वयस्क पत्तियों के निचले सतह से रस चूसते है एवं मधु स्त्राव के उत्सर्जन से प्रकाश संश्लेषण में बाधा आती है|
  • पत्तियाँ रोगग्रस्त दिखती है सुटी मोल्ड से ढक जाती है | यह कीट पत्ति मोड़क विषाणु रोग व पीला शिरा विषाणु रोग का वाहक होकर इसे फैलाता है|
  • नियंत्रण:- पीले रंग वाले चिपचिपे प्रपंच खेत में कई जगह लगाए|
  • डायमिथोएट 30 मिली./पम्प या थायमेथोक्जोम 5 ग्राम/पम्प या एसीटामीप्रिड 15 ग्राम/ पम्प का स्प्रे 4-5 बार 10 दिन के अंतराल पर करे|

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Irrigation in Moong (Green Gram)

मुंग में सिंचाई :-मूंग मुख्य रूप से खरीफ फसल के रूप में उगाया जाता है। जलवायु परिस्थितियों के आधार पर सिंचाई की आवश्यकता होती है|  गर्मी के मौसम की फसल के लिए, मिट्टी के प्रकार और जलवायु स्थिति के आधार पर तीन से पांच सिंचाई आवश्यक हैं। अच्छे उपज के लिए बुवाई के 55 दिनों बाद सिंचाई रुक देना चाहिए ।

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Some Information of Moong Cultivation

मुंग भारत के मुख्य दलहन फसलों में से एक है। यह रेशा और लोहा के साथ- साथ प्रोटीन का समृद्ध स्रोत है| इसे खरीफ और साथ ही गर्मियों की फसल के रूप में लगाया जा सकता है। इसकी विभिन्न प्रकार की मिट्टी पर खेती की जा सकती है| उचित जल निकास वाली दोमट और बलुई दोमट भूमि पर अच्छे परिणाम प्राप्त होते हे| क्षारीय और जल मग्न भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है|

बुवाई का समय:- खरीफ की बुवाई के लिए सही समय जुलाई का पहला पखवाड़ा है। ग्रीष्म मूंग खेती के लिए इष्टतम समय फरवरी के दूसरे पखवाड़े से अप्रैल तक है।

फसल अंतर:-  खरीफ की बुवाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी की दूरी पर पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर। जायद की बुवाई के लिए से पंक्ति की दूरी 22.5 सेमी की दूरी पर पौधे से पौधे की दूरी 7 सेंटीमीटर|

बुवाई की गहराई:- 4-6 सेमी की गहराई पर बीज बोना

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