मूंग की फसल में फली छेदक इल्ली नियंत्रण के उपाय

👉🏻किसान भाइयों इस समय मूंग की फसल में फली छेदक इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। यह इल्ली मूंग की फसल को प्रमुख रूप से नुकसान पहुँचाती है। जिससे उत्पादन में भारी नुकसान देखा जाता है। 

👉🏻फली छेदक इल्ली गहरे हरे रंग की होती है, जो बाद में गहरे भूरे रंग की हो जाती है ।यह कीट फूल आने के समय से फसल कटाई तक फसल को नुकसान पहुंचाती है। यह इल्ली फली में छेद करके अंदर प्रवेश कर दाने को खा जाती है। 

👉🏻इसके नियंत्रण के लिए एमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) @ 100 ग्राम या फेम (फ्लुबेंडियामाइड 39.35 % एससी) @ 50 मिली या कोस्को (क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5 % एससी) @ 60 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

👉🏻जैविक उपचार के रूप में बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से  छिड़काव करें।

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मूंग की फसल में ऐन्थ्रेक्नोज धब्बा रोग की पहचान एवं बचाव के उपाय

Identification and prevention measures of Anthracnose spot in Green gram crop
  • एन्थ्रेक्नोज धब्बा रोग के संक्रमण के कारण मूंग बीज के अंकुरण के तुरंत बाद पौध झुलस जाती है।

  • पत्तियों और फलियों पर गोल, गहरे, काले केंद्र युक्त चमकीले लाल नारंगी रंग के धब्बे हो जाते हैं।

  • रोगज़नक़ बीज और पौधे के अवशेष पर जीवित रहता है।

  • रोग वायु-जनित बीजाणु के माध्यम से क्षेत्र में फैलता है।

  • प्रभावित पौधे के अवशेष को हटा दें और नष्ट कर दें।

  • खेतों को साफ रखे एवं उचित फसल चक्र अपनाकर बीमारी के फैलने से रोकें।

  • बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।

  • इस रोग के निवारण के लिए मैनकोज़ेब 75% WP@ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ या ट्राइकोडर्मा विरिड@ 500 ग्राम /एकड़ के रूप में उपयोग करें।

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आपकी मूंग फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 1 से 2 दिनों में -फसल को प्राथमिक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए

बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें और उर्वरक की आधारभूत मात्रा नीचे के रूप में डालें। इन सभी को मिलाकर मिट्टी में फैला दें- डीएपी 40 किग्रा, एमओपी 20 किग्रा + पीके बैक्टीरिया (प्रो कॉम्बिमैक्स) 1 किग्रा + राइजोबियम (जैवटिका आर) 1 किग्रा + ह्यूमिक एसिड + समुद्री शैवाल + अमीनो + माइक्रोराइजा (मैक्समाइको) 2 किग्रा प्रति एकड़ की दर से इन सभी को मिलाएं और मिट्टी में फैलाएं|

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आपकी मूंग फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 5 से 7 दिन पहले- पोधो के बिच योग्य दुरी रखने के लिए

1.5 फीट की दूरी कुंड और मेढ़ तैयार करें। दो बीजों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर बोयें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी मूंग फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 8 से 10 दिन पहले-मिट्टी की संरचना सुधारने के लिए

6000 किग्रा गोबर की खाद में कम्पोस्टिंग बैक्टीरिया (स्पीड कम्पोस्ट) 4 किग्रा + ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइजोकेयर) 500 ग्राम मिलाएं। अच्छी तरह मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र में मिट्टी में फैला दें।

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मूंग की 15-20 दिनों की फसल अवस्था में जरूर अपनाएँ ये फसल प्रबंधन उपाय

Benefits of crop management in 15-20 days in green gram crop
  • मूंग की 15 -20 दिनों की फसल अवस्था में कीट प्रकोप, कवक रोगों का प्रकोप एवं वृद्धि व विकास से संबंधित समस्या आ सकती है।
  • इन सभी समस्या के निवारण के लिए मूंग की इस फसल अवस्था में फसल प्रबंधन के उपायों को अपनाना बहुत आवश्यक होता है।
  • कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए एसिटामिप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक नियंत्रण के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से कवक रोगों के नियंत्रण के लिए छिड़काव करें।
  • कवक रोगों के जैविक नियंत्रण के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • अच्छी फसल वृद्धि एवं विकास के लिए विगरमैक्स जेल @ 400 ग्राम/एकड़ + 19:19:19 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें।
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