साल 2016 में अपने शुरुआत के समय से अब तक पांच लाख से ज्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़ चुके हैं और उनकी कृषि में बहुत सारे सकारात्मक सुधार भी देखने को मिले हैं। ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में हज़ारों किसानों के आय में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है। बहुत सारे किसानों की आय में औसतन 40% तक की वृद्धि देखने की मिल रही है।
खंडवा जिले के किसान पूनम चंद सिसोदिया ने अपनी सोयाबीन की फसल को बुआई के समय ही ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ दिया और उन्हें सभी जरूरी सलाहें फ़ोन पर मिलती रहीं। इसका प्रतिफल उपज में 60% वृद्धि के रूप में सामने आया। इसके अलावा कृषि लागत में भी कमी आई।
खंडवा जिले के ही सागर सिंह सोलंकी ने भी ग्रामोफ़ोन एप के इस्तेमाल से अपनी कृषि लागत को 21% घटाया और आय में 25% की वृद्धि की। उनका कुल मुनाफ़ा पहले की तुलना में 37% तक बढ़ गया।
ऐसे ही एक किसान हैं देवास जिले निवासी विनोद गुज्जर जिनके लिए ग्रामोफ़ोन का मूंग समृद्धि किट किसी वरदान की तरह साबित हुआ। किट के उपयोग से 5 एकड़ में बोई गई फसल की उपज पहले के 25 क्विंटल से बढ़कर 30 क्विंटल हो गई। उपज बढ़ने के साथ ही आय में 38% और प्रॉफिट में 100% का इज़ाफा भी हुआ।
देवास के ही एक दूसरे किसान रामनिवास परमार की सोयाबीन की फसल को ग्रामोफ़ोन की सोया समृद्धि किट ने इतना अच्छा पोषण दिया की फसल से प्राप्त मुनाफ़ा पहले से 180% बढ़ गया और फसल से प्राप्त उपज की क्वालिटी इतनी बढ़िया हुई की मंडी में इसका मूल्य भी अन्य किसानों की उपज से अधिक मिला।
इन किसानों की तरह ही लाखों किसान ग्रामोफ़ोन की उच्च सेवाओं का लाभ ले रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि करने के साथ साथ अपनी कृषि लागत को भी कम कर रहे हैं। महज चार साल में ग्रामोफ़ोन ने अपने ही द्वारा निश्चित किये गए लक्ष्य को प्राप्त करने लगा है। आने वाले दिनों में ग्रामोफ़ोन पूरे देश के किसानों से जुड़ कर भारतीय कृषि और भारतीय किसानों को आधुनिक स्मार्ट खेती करने के लक्ष्य पर चल पड़ा है।
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