लहसुन की खेती के लिए, उचित जल निकास वाली दोमट भूमि अच्छी होती है, क्योंकि भारी भूमि में इसके कंदों का विकास नहीं हो पाता है। खेत की एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें एवं इसके बाद, गोबर की खाद 5 टन + स्पीड कम्पोस्ट 4 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें तथा 2-3 जुताई हैरो की सहायता से करें। खेत में मौजूद अन्य अवांछित फसल अवशेषों को हटा दें, अगर मिट्टी में नमी कम हो तो पहले पलेवा करें फिर खेत की तैयारी करें और आखिर में पाटा चला कर खेत समतल बना लें।
पोषक तत्व प्रबंधन:- फसल बुवाई के समय एसएसपी 50 किलोग्राम + डीएपी 30 किलोग्राम + यूरिया 20 किलोग्राम + पोटाश 40 किलोग्राम + राइजोकेयर (ट्राइकोडर्मा विराइड1.0 % डब्ल्यूपी) @ 500 ग्राम + टीबी 3 (नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फास्फेट घुलनशील, और पोटेशियम गतिशील जैव उर्वरक संघ) @ 3 किलोग्राम + ताबा जी (जिंक घोलक बैक्टीरिया) @ 4 किलोग्राम + मैक्सरूट (ह्यूमिक एसिड + पोटेशियम + फुलविक एसिड) @ 500 ग्राम + ट्राई-कोट मैक्स (जैविक कार्बन 3%, हुमिक, फुलविक, जैविक पोषक तत्वों का एक मिश्रण) @ 4 किलोग्राम + बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 500 ग्राम को आपस में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें।
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