फ्यूजेरियम विल्ट:- फ्यूजेरियम विल्ट मिर्च की फसल की सामान्य बीमारी है। यह बीज एवं मृदा जनित बीमारी है, जो फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम नामक फफूंद से होता है। प्रभावित पौधे अचानक मुरझा कर धीरे-धीरे सूख जाते हैं। रोग ग्रसित पौधे हाथ से खींचने पर आसानी से उखड़ जाते हैं।
फ्यूजेरियम विल्ट रोग के कारण रोगी पौधों की जड़ें अंदर से भूरी व काली हो जाती हैं। रोगी पौधों को चीर कर देखने पर ऊतक काले दिखाई देते हैं। पौधों की पत्तियां मुरझा कर नीचे गिर जाती हैं। यह रोग हवा और जमीन में ज्यादा नमी व गर्मी होने के कारण एवं सिंचाई से सही नमी का वातावरण मिलने पर अधिक बढ़ता है।
जैविक प्रबंधन:- कॉम्बैट (ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम या मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस 1 % डब्ल्यूपी) @ 500 ग्राम, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के आधार पर 2 किलो कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरिडी) फॉर्म्युलेशन को 50 किलो गोबर की खाद के साथ मिलाएं, फिर उसके ऊपर पानी छिड़कें और एक पतली पॉलिथीन शीट से ढक दें। 15 दिनों के बाद जब ढेर पर मायसेलिया की वृद्धि दिखाई दे, तो मिश्रण को एक एकड़ क्षेत्र में प्रयोग करें।
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